कालिंदी एक्सप्रेस विस्फोट कांड: इन विस्फोटकों ने किया था ट्रेन में धमाका
आगरा फोरेंसिक लैब की जांच में विशेषज्ञों ने मिश्रण में एलुमिनियम और सल्फर भी पाया। 20 फरवरी की रात कानपुर के पास कालिंदी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में हुआ था धमाका।
आगरा, जागरण संवाददाता। कालिंदी एक्सप्रेस में विस्फोट के लिए पोटेशियम क्लोरेट, एलुमिनियम और सल्फर का प्रयोग किया गया। फोरेंसिक लैब की जांच में इसकी पुष्टि हो गई है। लैब ने रिपोर्ट फर्रुखाबाद जीआरपी को भेज दी है।
कालिंदी एक्सप्रेस के जनरल कोच के टॉयलेट में 20 फरवरी की रात कानपुर से पहले बर्राजपुर स्टेशन पर विस्फोट हुआ था। धमाके के पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका से अफरातफरी और दहशत फैल गई थी। टूंडला रेलवे स्टेशन पर आगरा फोरेंसिक लैब के वैज्ञानिकों की टीम ने ट्रेन के टॉयलेट से साक्ष्य जुटाए थे। अन्य साक्ष्य जीआरपी ने उपलब्ध कराए थे।
जांच में वैज्ञानिकों ने पाया कि विस्फोटक पोटेशियम क्लोरेट, सल्फर एवं एलुमिनियम को मिलाकर तैयार किया गया था। यह कम तीव्रता वाला होता है। विस्फोटक को टॉयलेट में इसलिए रखा गया ताकि स्थान कम होने से विस्फोटक की तीव्रता बढ़ जाए। साथ ही टॉयलेट के पास यात्रियों का काफी सामान रखा रहता है। इससे कोच में आग जल्दी फैलती। हालांकि टॉयलेट में खिड़की होने के चलते विस्फोट से नुकसान कम हुआ।
खुफिया एजेंसियों ने की डायरी में मिले नामों की तस्दीक
जीआरपी को घटनास्थल से एक डायरी मिली थी। इसमें सात-आठ नाम लिखे थे। जांच में अधिकांश नाम आसपास के इलाकों में रहनेे वाले ग्रामीणों के निकले हैं। एक नाम शराब की तस्करी से जुड़े शख्स का भी है।
भ्रमित करने को छोड़ा रिजर्वेशन फार्म
विस्फोट करने वालों ने जांच एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए घटनास्थल पर एक रिजर्वेशन फार्म भी छोड़ा था। इसमें श्रम शक्ति एक्सप्रेस में रिजर्वेशन कराने को दो लोगों के नाम लिखे थे। जांच में उक्त दोनों लोग खुफिया एजेंसियों को घर पर ही मिले। उन्होंने ऐसा कोई फार्म भरने से इन्कार किया।
कोच में ही देखा गया था संदिग्ध
काङ्क्षलदी एक्सप्रेस की जिस जनरल बोगी में धमाका हुआ था। उसमें राहुल चौधरी नाम का यात्री सफर कर रहा था। उसने पुलिस को बताया बोगी में चेहरा ढके एक व्यक्ति को उसने देखा था। इसके कुछ देर बाद ही धमाका हो गया।