Passing Out Pared: आगरा पुलिस लाइन में छह महीने प्रशिक्षण के बाद सर्वश्रेष्ठ बने येे 16 रिक्रूट़्स, इनका हौंसला है जबरदस्त
पुलिस में भर्ती होने के बाद 97 रिक्रूट़्स ने लिया था प्रशिक्षण। 16 रिक्रूट्स ने अलग-अलग क्षेत्र में हासिल की है श्रेष्ठता। इनमें कई रिक्रूट्स ने दो-दो विषय में खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित किया। मेरठ के थाना रोहन के गांव शाहपुर के रहने वाले निखिल सिंह सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट बने।
आगरा, अली अब्बास। पुलिस की वर्दी पहनने वाले हर युवा में कुछ कर गुजरने का जोश होता है। छह महीने का पुलिस प्रशिक्षण इस जोश को तराशने का काम करता है। रिक्रूट्स को श्रेष्ठ बनाने का काम करता है। मगर इन रिक्रूट़्स में कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने को सर्वश्रेष्ठ साबित करते हैं।आगरा पुलिस लाइन में छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद एक दो या तीन नहीं बल्कि 16 रिक्रूट्स ने अलग-अलग विषय में खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित किया। किसी ने भीड़ नियंत्रण, कोई अपराध विधि तो किसी ने शस्त्र प्रशिक्षण में खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित किया। इनमें कई रिक्रूट्स ने दो-दो विषय में खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित किया।
रिक्रूट्स विषय जिसमें टाप किया
निर्देश कुमार, भीड़ नियंत्रण
नीतेश सहरावत, अपराध विधि
नीतेश सहारावत, विधि विज्ञान
सौरभ यादव, साक्षात्कार
विकास कुमार, भारतीय संविधान
नीतिश कुमार, फील्ड क्राफ्ट
सोनू बालियान, शारीरिक दक्षता
अभिषेक राणा, यूएसी
अभिषेक राणा, पदाति प्रशिक्षण
नकुल सिंह, आंतकवाद निरोधक प्रशिक्षण
नकुल सिंह, आपदा प्रबंधन
सुनील कुमार, विशिष्ट तलाशी अभियान
अन्नू, पुलिस विज्ञान
अन्नू, विविध अधिनियम
शिवम तायल, कंप्यूटर साइंस एवं साइबर क्राइम
राजन बाल्यान, योगा
निखिल सिंह, शस्त्र प्रशिक्षण
निखिल सिंह, सर्वांग सर्वोत्तम
सूर्यदेव, यातायात प्रशिक्षण
दुष्यंत कुमार, पुलिस इतिहास
ये रहे थे परेड कमांडर
-प्रवीण कुमार परेड कमांडर प्रथम
-सौरभ शर्मा परेड कमांडर द्वितीय
-साेनू बालियान परेड कमांडर तृतीय
निखिल सिंह बने सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट
निखिल सिंह सर्वश्रेष्ठ रिक्रूट बने। वह मेरठ के थाना रोहन के गांव शाहपुर के रहने वाले हैं। निखिल सिंह ने बताया कि उनके पिता सत्यवीर सिंह, मंझले भाई विशाल सिंह और बहन दिव्या भी पुलिस विभाग में हैं। पिता का पिछले साल उनके प्रशिक्षण के दौरान दिन का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिवार में सभी के पुलिस विभाग में होने के चलते उन्होंने भी वर्दी पहनने का फैसला किया था।
नीतेश सहारावत बने सर्वश्रेष्ठ इंडोर रिक्रूट
मेरठ के थाना कांकरखेड़ा के वर्निका एस्टेट कालोनी के रहने वाले नीतेश सहारावत को सर्वश्रेष्ठ इंडोर रिक्रूट घोषित किया गया। नीतेश ने बताया कि उनके पिता भी इंस्पेक्टर हैं। वर्तमान में झांसी में तैनात हैं। वह एक भाई-बहन हैं। पिता को बचपन से वर्दी में देखते आए नीतेश भी बचपन से वर्दी से उन्हें प्यार था।
अभिषेक राणा बने सर्वश्रेष्ठ आउटडोर रिक्रूट
मेरठ के थाना दाैराला के गांव मोहनीपुर के रहने वाले अभिषेक राणा को सर्वश्रेष्ठ आउटडोर रिक्रूट चुना गया। वह चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। अभिषेक ने बताया कि उनके परिवार में कोई पुलिस विभाग में नहीं है। उनकी लंबाई और रेस को देखते हुए दोस्तों ने उन्हे सेना या पुलिस में जाने की कहा। इस पर उन्होंने पुलिस भर्ती में हिस्सा लिया और चयनित हो गए।
नाती ने पूरा किया बाबा का सपना
कहावत है कि बेटे से ज्यादा नाती प्यारा होता है। रिक्रूट सोनू बालियान ने भी वर्दी पहनकर अपने बाबा का सपना पूरा किया। साेनू बालियान ने बताया कि उनके पिता किसान हैं। जबकि बाबा राम किशन पुलिस विभाग में थे। उन्होंने बाबा के कई फोटो वर्दी में देखे थे। बाबा चाहते थे कि वह भी उनकी तरह वर्दी पहने। वर्ष 2005 में बाबा का निधन हो गया। तब वह आठ साल के थे। मगर, बाबा का सपना उन्हें याद रहा, वह पहले प्रयास में ही पुलिस में भर्ती हो गए।