दफन को मयस्सर नहीं हुई दो गज जमीन, खाकी के दखल से निकला हल
पुलिस हस्तक्षेप से दूसरे गांव में बनी कब्र। 24 घंटे तक घर में रखा रहा वृद्ध का शव।
आगरा: किसी ने सही ही कहा है कि जिंदों की तो बात छोडि़ए, जनाब ये दुनिया मरने पर भी चैन न मिलने देगी। इंसान ताउम्र मेहनत करता है दो वक्त की रोटी और मकान के लिए। दुनिया की बेदर्दी कहें या तरक्की कि कंक्रीट में तब्दील होती जा रही दुनिया में अब मरने के बाद दो गज जमीन भी नसीब नहीं हो रही।
मथुरा के थाना नौहझील के गांव जरेलिया में ऐसा ही मामला सामने आया।
दरअसल ग्राम पंचायत हसनपुर के मजरा गांव जरेलिया में रहने वाले अल्लानूर (90) का मंगलवार दोपहर निधन हो गया था। गांव में शव को दफनाने के लिए जगह नहीं मिली। दफन को दो गज जमीन के लिए परिजन अधिकारियों से गुहार लगाते रहे। बुधवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद पड़ोसी गांव हसनपुर में शव को दफनाया जा सका। करीब 24 घंटे तक वृद्ध का शव दफन के इंतजार में घर पर पड़ा रहा।
बता दें कि इससे पहले मुस्लिम समुदाय के शव जहां दफनाए जाते थे, वहां तालाब का पानी लबालब भरा हुआ था। परिजनों ने पड़ोसी गांव हसनपुर में अपने समाज के लोगों को यह समस्या बताते हुए अपने गांव के कब्रिस्तान में शव दफनाने की मांग की। हसनपुर के मुस्लिम लोगों ने अपने कब्रिस्तान में शव को दफनाने से मना कर दिया। अल्लानूर के निधन की खबर सुनकर तमाम रिश्तेदार आने शुरू हो गए। वृद्ध के शव को दफनाए जाने के लिए जमीन को लेकर आ रही समस्या से परेशान होने लगे। मुस्लिम समाज के लोगों ने शव दफनाने को लेकर आ रही समस्या से अधिकारियों को भी अवगत कराया। पूरी रात बीत जाने के बाद भी कोई समाधान न होता देख बुधवार सुबह परिजनों ने 100 नंबर पर कॉल कर इस समस्या का समाधान न होने पर प्रदर्शन एवं मार्ग जाम की चेतावनी दी। जिसके बाद यूपी 100 पुलिस के अलावा इंस्पेक्टर नौहझील वीरेंद्र सिंह पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंच गए। जहां मुस्लिम समाज के लोगों ने गांव में शव को दफनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की। पुलिस ने लोगों को समझाया कि जमीन उपलब्ध कराने का काम राजस्व विभाग और प्रधान के अधीन है। फिलहाल वृद्ध के शव को दफनाने के लिए कहीं व्यवस्था कराने की जरूरत हैं। पुलिस हस्तक्षेप के बाद पड़ोसी गांव हसनपुर के मुस्लिम लोग अपने कब्रिस्तान में शव को दफनाने को तैयार हो गए। करीब 24 घंटे तक घर में रखे वृद्ध के शव को हसनपुर के कब्रिस्तान में ले जाकर दफनाया जा सका।