इंतजार की घड़ियां हुईं खत्म, स्कूल चले हम
स्कूल जाने के लिए घरों में होती रहीं तैयारी लंबे समय बाद लौट रहे विद्यार्थियों का स्वागत करेंगे शिक्षक
आगरा, जागरण संवाददाता। इंतजार की घड़ियां आखिरकार खत्म हुई। लाकडाउन और कोरोना संक्रमण के कारण 11 महीनों से बंद छठवीं से आठवीं तक की कक्षाएं ज्यादातर स्कूलों में बुधवार से शुरू हो जाएंगी। एक दिन पहले तक स्कूलों में साफ-सफाई और कोविड-19 सुरक्षा मानकों को पूरा करने की तैयारियां होती रहीं। वहीं विद्यार्थी भी स्कूल जाने के लिए घरों पर बैग, किताबें और यूनिफार्म संभालते दिखे। हालांकि कुछ स्कूल अभिभावकों की स्वीकृति के बाद 15 फरवरी से कक्षाओं की शुरुआत करेंगे।
एसोसिएशन आफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स आफ आगरा (अप्सा) के अध्यक्ष डा. सुशील गुप्ता ने बताया कि संस्था से जुड़े ज्यादातर विद्यालय बुधवार को सुबह साढ़े आठ से 10 बजे के बीच खुलेंगे। तैयारी पूरी है, प्रवेश से पहले विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिग, हाथ व बैग सैनिटाइज किए जाएंगे। मास्क पहनना अनिवार्य होगा। शारीरिक दूरी का पालन करा कर कक्षा में बैठाया जाएगा, पानी की बोतल लानी होगी, लंच बाक्स की अनुमति नहीं होगी। नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल आफ आगरा (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर ने बताया कि संस्था से जुड़े स्कूल बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से खुलेंगे। अब तक 30 फीसद से ज्यादा अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने की स्वीकृति दे दी है, शेष सुबह अपने बच्चों के साथ स्कूल आकर स्वीकृति-पत्र सौंपेंगे। एक साल बाद स्कूल लौट रहे विद्यार्थियों का गेट पर स्वागत शिक्षक ताली बजाकर करेंगे। अभी कक्षा हफ्ते में तीन दिन लगेंगी, उपस्थिति देखकर दिनों को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। विद्यार्थी को लंच अपनी कक्षा और सीट पर बैठकर करना होगा। विद्यार्थियों को स्कूल छोड़ने और ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावक निभाएंगे। 15 फरवरी से खोलेंगे स्कूल:
सेंट पीटर्स कालेज के प्रधानाचार्य फादर एंड्रयू मैथ्यू कोरेया का कहना है कि फिलहाल नौवीं और 11वीं की कक्षाएं शुरू हैं, छठवीं से आठवीं तक की कक्षाएं 15 फरवरी से लगाएंगे। अभिभावकों की अनुमति ली जा रही है। विद्यालय साढ़े आठ बजे से खुलेगा, साढ़े चार घंटे में सारे विषय पढ़ाएं जाएंगे, इसलिए कक्षाओं का समय 45 से 25-30 मिनट किया जाएगा। विद्यार्थियों की संख्या अच्छी रही तो आनलाइन कक्षाएं बंद की जाएंगी कहां है बैग, किताबें और यूनिफार्म:
लंबे समय बाद स्कूल जाना है तो एक दिन पहले विद्यार्थी अपने बैग, किताबें और यूनिफार्म तलाशते दिखे। कोई अभिभावकों के साथ जाकर स्टेशनरी, किताबें खरीदता दिखा तो किसी ने बाजार जाकर नया बैग खरीदा। अभिभावक भी बच्चों को एक-एक सामान बैग में रखने की सलाह देते दिखे।