Reality: आजादी के 73 साल बाद भी यमुना व चंबल पट्टी के गांवों को पक्का रास्ता मयस्सर नहीं
Reality Check ग्रामीण बोले सांसद विधायक से भी लगा चुके गुहार हर बार मिला आश्वासन। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख पक्का मार्ग बनवाने की मांग की। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक जन्मस्थली से जुड़ा है ये क्षेत्र।
आगरा, सतेंद्र दुबे। देश को आजादी मिले 73 साल हो चुके। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का दूसरा कार्यकाल है। बुलेट ट्रेन चलाने की बातें हैं पर अफसोस इस बात का है कि देश में कई इलाके आज भी ऐसे हैं, जो मुख्य धारा से अलग-थलग पड़े हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पैतृक जन्मस्थली से सटे इलाकों का आज भी ऐसा ही हाल है। ग्रामीणों को अपनी जरूरत का सामान लेने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ता है, क्योंकि गांव को कस्बे से जोड़ने वाली सड़क बीते 73 सालों में भी नहीं बन सकी है। यमुना-चंबल पट्टी के कई गांवों में पहुंचने को पक्का रास्ता भी मयस्सर नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार तहसीलस्तरीय अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर मार्ग के निर्माण की मांग की गई लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है।
बाह के सुंसार, क्यौरीपुरा, झरना पुरा, गुढ़ा, पुरा उमरैठा में पहुंचने के लिए कच्ची पगडंडियां हैं। लोधी, कश्यप, बिंद, निषाद महासभा के तहसील अध्यक्ष सुखदेव वर्मा का कहना है इन गांवों में अधिकांश निषाद समाज के परिवार रहते हैंं। सांसद, विधायक से कई बार ग्रामीणाेें ने गुहार लगाई लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उनके मुताबिक बारिश के समय में तो इन गांवों में पहुंचना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। सड़क न होने के कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। कृष्ण मुरारी, राजेश राजपूत, धन सिंह, सुखपाल, भागीरथ आदि ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख पक्का मार्ग बनवाने की मांग की है।
डकैत उठाते थे इसी बात का फायदा
चंबल की घाटी में डकैत इसी बात का फायदा उठाते थे। गांवों तक पहुंचने के लिए सड़कें तब भी नहीं थी और आज भी नहीं हैं। हालांकि ये बात अलग है कि अब घाटी में डकैत नहीं बचे लेकिन चोर-उचक्के जरूर हैं। जो वारदात को अंजाम देकर कच्चे रास्तों पर होकर आसानी से भागकर गांवों में छुप जाते हैं। इन इलाकों से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे और यदि कोई अचानक गंभीर बीमार हो जाए तो उसे समय पर इलाज मिल पाना भी मुश्किल है।
नौ विधायक, दो सांसद फिर भी ठहरा विकास
आगरा से नौ भाजपा विधायक और दो सांसद केंद्र और राज्य सरकार में क्षेत्र की ओर से नुमाइंदगी करते हैं। उसके बावजूद विकास की रफ्तार यहां थमी पड़ी है। ग्रामीणों ने अच्छी खासी उम्मीद लगाकर रखी थी कि भाजपा सरकार में विकास की बयार बहेगी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वर्गवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस क्षेत्र के कायाकल्प कराने की घोषणा की थी। हकीकत के धरातल पर कोई भी योजना अब तक अमलीजामा नहीं पहन सकी है।
शिकायत के बाद भी नहीं सुधरा मार्ग
ग्राम पंचायत अयेला के मजरा सीताराम की मड़ैया से गुजरने वाले मार्ग में जगह-जगह गड्डे होने से वहां कीचड़ हो गई है। इससे यहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण तारा सिंह ने कई बार तहसील मुख्यालय पर और ऑनलाइन शिकायत भी की, लेकिन अभी भी समस्या जस की तस है।