Paras Hospital Agra: श्री पारस अस्पताल पर मुकदमे को लेकर आज एसएसपी से मिलेगा अधिवक्ताओं का पैनल
युवा अधिवक्ता संघ ने बनाया है श्री पारस अस्पताल के पीड़ितों की कानूनी लड़ाई के लिए पैनल। रविवार को एक और पीड़ित पैनल के पास पहुुंचा अब तक चार लोगों ने मांगी है मदद। पश्चिमी राज्य निर्माण जनमंच ने दीवानी चौराहे पर भारत माता की प्रतिमा स्थल पर धरना दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। श्री पारस अस्पताल प्रकरण में युवा अधिवक्ता संघ का पैनल सोमवार को एसएसपी से मुनिराज से मुलाकात करेगा। उनसे श्री पारस अस्पताल पर मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र देगा। वहीं, रविवार को एक और पीड़ित द्वारा पैनल से कानूनी मदद मांगी गई है। अब तक चार पीड़ित पैनल के माध्यम से कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।
युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा ने बताया कि श्री पारस अस्पताल का जून में दमघोंटू माक ड्रिल का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ था। इसमें अस्पताल संचालक डाक्टर अरिंजय जैन आक्सीजन की सप्लाई बंद होने से मरीजों के दम तोड़ने की बात करते दिख रहे हैं। एडवोकेट नितिन वर्मा के अनुसार मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने उसकी जांच में अब तक क्या किया, वायरल वीडियो को पुलिस ने जांच के लिए फोरेंसिक लैब क्यों नहीं भेजा।
नितिन वर्मा ने बताया कि पीड़ितों की कानूनी मदद के लिए पैनल बनाया गया है। इसमें एक दर्जन से ज्यादा अधिवक्ता शामिल हैं। श्री पारस अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को अब तक तीन मृतकों के पीडित सामने आए थे। नितिन वर्मा ने बताया कि रविवार को एक और पीड़ित ने संपर्क किया है। जगदीशपुरा की अलबतिया निवासी पवनेश ने कोरोना संक्रमित अपने पति अखिलेश हरि त्रिवेदी को सिकंदरा हाईवे स्थित अस्पताल से श्री पारस में शिफ्ट किया था। यहां 23 अप्रैल को पति की मौत हो गई। उन्हें यकीन है कि उनके पति की भी आक्सीजन रोकने से मौत हुई है। मामले में पीड़ितों का मुकदमा दर्ज कराने के लिए युवा अधिवक्ता संघ का पैनल सोमवार को एसएसपी से मिलेगा।
सीबीआइ जांच की मांग को लेकर जनमंच का धरना-प्रदर्शन
श्री पारस अस्पताल प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने की मांग को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण जनमंच ने रविवार को दीवानी चौराहे पर भारत माता की प्रतिमा स्थल पर धरना दिया। जनमंच के अध्यक्ष अजय चौधरी ने कहा कि जब तक श्री पारस अस्पताल प्रकरण की सीबीआइ या न्यायिक जांच नहीं होती, पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिलेगा। धरना-प्रदर्शन करने वालों में भारत सिंह, सुरेंद्र लाखन, हरदयाल सिंह, उदयवीर, प्रदीप राठौर आदि लोग शामिल थे।