Tajmahal: संवरने लगा है आगरा में स्मारकों का स्वरूप, ताजमहल से लेकर फतेहपुरसीकरी तक बढ़ी सुंदरता
कोरोना काल में मजदूरों के नहीं आने से प्रभावित हुआ था संरक्षण। भरतपुर से आते हैं मजदूर लॉकडाउन की वजह से नहीं आ पा रहे थे। फतेहपुर सीकरी में मिंट हाउस के फर्श के पत्थर बदलने और इस्लाम खां के मकबरे में काम किया जा रहा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर थमने और स्मारक खुलने के साथ स्मारकों में संरक्षण का काम एक बार फिर गति पकड़ रहा है। कोरोना काल में राजस्थान में लॉकडाउन होने की वजह से मजदूरों के नहीं आने की वजह से संरक्षण कार्य पर ब्रेक लग गया था। अनलाक होते ही स्मारकों में संरक्षण के काम शुरू हो गए हैं।
कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर 16 अप्रैल से देशभर में सभी स्मारक बंद कर दिए गए थे। आगरा के स्मारकों में संरक्षण कार्य के लिए अधिकांश मजदूर भरतपुर से आते हैं। राजस्थान में लॉकडाउन होने से मजदूर आगरा नहीं आ पा रहे थे। इससे सभी स्मारकों में संरक्षण कार्यों पर ब्रेक लग गया था। राजस्थान में लॉकडाउन हटने और स्मारकों के खुलने के बाद एक बार फिर संरक्षण कार्य शुरू हाे गया है। फतेहपुर सीकरी में मिंट हाउस के फर्श के पत्थर बदलने और इस्लाम खां के मकबरे में काम किया जा रहा है। टोडरमल की बारादरी के संरक्षण का कार्य एक बार फिर शुरू कर दिया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को यहां संरक्षण कार्य के दौरान उत्खनन में टैंक मिला था, जिसमें फव्वारा भी था। टैंक के संरक्षण के साथ स्मारक की चहारदीवारी को ऊंचा किया जा रहा है। ताजमहल में पश्चिमी दीवार के साथ रायल गेट के दोनों ओर बने बरामदों मेंं खराब पत्थरों को बदलने का काम किया जा रहा है। ताज टेनरी के पास स्थित हाथीखाना का संरक्षण भी शुरू हो चुका है।
अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल व फतेहपुर सीकरी स्थित स्मारकों में संरक्षण कार्य की शुरुआत हो चुकी है। अन्य स्मारकों में संरक्षण कार्य के लिए टेंडर कर दिए गए हैं। शीघ्र ही वहां भी संरक्षण कार्यों की शुरुआत होगी।
संरक्षण से और सुंदर हुआ ताजमहल
कोरोना काल में दो माह की बंदी के बाद खुला ताजमहल पहले से अधिक सुंदर सैलानियों को नजर आ रहा है। वाटर चैनल में क्रिस्टल क्लीयर पानी में चलते फव्वारे सैलानियों को लुभा रहे हैं। वाटर चैनल के पास खराब पत्थरों को बदलकर नए पत्थर लगा दिए गए हैं। बरामदों में खराब पत्थरों को बदलने का काम किया जा रहा है। ताजमहल पिछले बुधवार को सैलानियों के लिए खोला गया था। सैलानियों को ताजमहल पहले से अधिक खूबसूरत नजर आया था। गार्डन की मेंटीनेंस के साथ ही स्मारक की स्वच्छता सैलानियों के दिलों में उतर गई थी। ताजमहल के उद्यान में वाटर चैनल बने हुए हैं। इनमें वीडियो प्लेटफार्म से मुख्य मकबरे तक वाटर चैनल में फव्वारे लगे हैं। फव्वारों का पानी पहले वाटर चैनल के किनारे लगे पत्थरों पर गिरता था। समय बीतने के साथ यह पत्थर खराब हो गए थे और गंदे नजर आते थे। इससे स्मारक की छवि खराब होती थी। स्मारक की बंदी के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने वाटर चैनल के किनारे लगे खराब पत्थरों को बदल दिया। वाटर चैनल में मोटर से चलने वाले फव्वारों का प्रेशर सेट किया गया। इससे अब फव्वारों का पानी पत्थरों पर न गिरकर वाटर चैनल में ही गिर रहा है। अधीक्षण पुरातत्वविद डा. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि वाटर चैनल के किनारे के खराब हुए पत्थरों को बदलने के साथ फव्वारों के प्रेशर को सेट किया गया है। बरामदों में खराब पत्थरों को बदलने के लिए संरक्षण कार्य किया जा रहा है।