43 लाख रुपये की लूट के आरोपित वाणिज्यकर अफसरों का खबरी भेजा गया आगरा में जेल
एक लाख रुपये तय करके मथुरा के व्यापारी के मूवमेंट की दी थी खबर। पुलिस रिमांड पर निलंबित वाणिज्यकर अधिकारी से बरामद हुए 1.50 लाख। खबरी को पुलिस ने गिरफ्तार कर दो हजार रुपये बरामद कर लिए। एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। मथुरा के चांदी कारोबारी से 43 लाख रुपये की लूट के आरोपित वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों का खबरी भी मथुरा का था। पुलिस की विवेचना में उसका नाम प्रकाश में आया। शनिवार को पुलिस ने लोहामंडी क्षेत्र से खबरी को गिरफ्तार कर लिया। उसे लूट की रकम में से 25 हजार रुपये मिले थे। पुलिस ने आरोपित से दो हजार रुपये बरामद कर लिए हैं। उधर, लूट के आरोपित वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार को रिमांड पर लेकर पुलिस ने लूट की रकम में से डेढ़ लाख रुपये बरामद कर लिए।
मथुरा के गोविंद नगर निवासी चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल 30 अप्रैल की रात को चालक राकेश के साथ बिहार से मथुरा के लिए लौट रहे थे। आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहाबाद टोल प्लाजा के पास वाणिज्यकर अधिकारियों ने रोक लिया। इसके बाद व्यापारी को जयपुर हाउस स्थित वाणिज्यकर विभाग के कार्यालय लाया गया। आरोप है कि यहां अधिकारियों और कर्मचारियों ने जेल भेजने की धमकी देकर उनसे 43 लाख रुपये लूट लिए। कई दिन बाद कारेाबारी ने एसएसपी मुनिराज जी. से मामले की शिकायत की। इसके बाद लोहामंडी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। विभागीय जांच के बाद नाम स्पष्ट हुए। तब विवेचना के दौरान इसमें असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र कुमार, कास्टेबल संजीव कुमार और चालक दिनेश कुमार के नाम प्रकाश में आए।सभी आरोपित मेरठ जेल में बंद थे। कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को लोहामंडी पुलिस ने वाणिज्यकर अधिकारी शैलेंद्र सिंह को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया। शनिवार को उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने 1.5 लाख रुपये बरामद कर लिए। पुलिस की विवेचना में मथुरा के हाईवे थाना क्षेत्र के गांव खामनी निवासी मुकेश सिंह का नाम प्रकाश में आया। वह वाणिज्यकर अधिकारियों को खबरी था। पुलिस ने शनिवार को उसे लोहामंडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में बताया कि वह व्यापार को बाहर जाने वाले चांदी कारोबारियों की खबर वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों को देता था। इसके एवज में उसे रकम मिलती थी। प्रदीप अग्रवाल की मुखबिरी भी उसने की थी। इसके एवज में उसे एक लाख रुपये मिलने थे। 25 हजार रुपये उसे अधिकारियों ने दे दिए थे। इसके बाद उसे कारोबारी द्वारा शिकायत किए जाने की जानकारी हो गई। ऐसे में वह यहां से दिल्ली चला गया और अपना मोबाइल बंद कर लिया था। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दो हजार रुपये बरामद कर लिए। एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया है।