आगरा में रखी गई थी महाराजा की नींव
आगरा जागरण संवाददाता । विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने संस्थापक टाटा ग्रुप के हाथों में वापस
आगरा, जागरण संवाददाता । विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने संस्थापक टाटा ग्रुप के हाथों में वापस आ गई है। महाराजा रूपी इस कंपनी की नींव आगरा में रखी गई थी। 82 साल पहले यहां एयर स्ट्रिप बनवाकर टाटा ने आगरा से ग्वालियर, मुंबई होते हुए करांची तक पोस्टल एयर सर्विस का संचालन कराया था। एयर सर्विस में कराची से लंदन तक डाक व अन्य सामान जाता था।
सिविल सोसायटी आफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा और एक्स सर्विस मैन एसोसिएशन के अध्यक्ष बीर बहादुर सिंह के मुताबिक टाटा ग्रुप ने 15 अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से इसकी स्थापना की थी। हालांकि इस कपंनी को पायलट लाइसेंस 1929 में ही मिल गया था। अंग्रेजी हुकूमत में यूनाइटेड प्राविस की राजधानी आगरा बना तो यहां वर्ष 1939 में एयर स्ट्रिप बनवाई गई। 1941 तक कराची-मुंबई-ग्वालियर-आगरा तक टाटा एयरलाइंस ने पोस्टल एयर सर्विस संचालित की, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध से पहले सरकार ने इसको अपने नियंत्रण में ले लिया।
उन्होंने बताया कि विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी मित्र सेनाओं ने चाइना-वर्मा-इंडिया एयर कमांड आगरा की हवाई पट्टी से ही शुरू किया था और इसे विस्तार दिया था। रेल लाइन के नजदीक होने के कारण खेरिया हवाई अड्डे को प्राथमिकता दी गई थी। भारत के आजाद होने पर 15 अगस्त 1947 को ही आगरा एयरफोर्स स्टेशन स्थापित किया गया था। 1963 में एयरफोर्स परिसर में पहली बार 14 एकड़ में सिविल एंक्लेव स्थापित किया गया था। टाटा एयरलाइंस के कारण ही आगरा-जयपुर रोड पर खेरिया एयरपोर्ट का चर्चित 'टाटा गेट' है। यह गेट आज भी मौजूद है। उन्होंने बताया कि 82 साल पहले टाटा एयरलाइंस ने आगरा के आकाश को पहली बार विमान की उड़ान की आवाज से गुंजा दिया था।