प्याज ने निकालेे फिर से आंसू, सब्जियों के भाव ने भी छूआ आसमान Agra News
50 रुपए किलो हुई प्याज। हल्दी की कीमतों में सबसे ज्यादा और जबरदस्त आया उछाल।
आगरा, जागरण संवाददाता। पहले से ही परेशान आम जनता को महंगाई ने करारा झटका दिया है। प्याज के दाम एक बार फिर से 50 रुपये के पार जा पहुंचे हैं। फुटकर दुकानों पर कई जगह प्याज 60 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बेची जा रही है। अन्य हरी सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। बाजार में स्थिति यह है कि एक-दो सब्जियों को छोड़कर बाकी कोई भी सब्जी 20 रुपये से नीचे नहीं मिल रही। इससे आम आदमी के रसोई का बजट बिगड़ गया है। दाल में प्याज का तड़का लगाना भी मुश्किल हो गया है।
पिछले एक महीने में महंगाई बम ने आम आदमी को घायल कर दिया है। खाने की थाली में रखी चीजों को घटाते-घटाते बेहद कम कर दिया है। पेट भरने वाली बुनियादी चीजों आटा, दाल, चावल, सब्जी, मसालों समेत दूध-घी-तेल के दाम में आग लगी हुई है। चीनी महंगी हुई तो फीकी चाय पीनी शुरू कर दी। दाल महंगी हुई तो पानी मिला दिया, लेकिन आटा और सब्जी का क्या करें। रसोई के खर्चों से लेकर पढ़ाई, कपड़ा और किराया तक हर दिन बोझ बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा बजट बिगाड़ा है सब्जी ने। सर्दियों के इस सीजन में भी हरी सब्जी खरीदने के लिए हिम्मत जुटानी पड़ रही है। टमाटर के दाम सुनकर ही लाल हुए जा रहे हैं, जबकि प्याज के आंसू अब तक नहीं सूखे। गोदामों में गेहूं भरा पड़ा है, लेकिन आटा 25 रुपये से बढ़कर अब 30 से 35 रुपये किलो तक पहुंच गया। यही हाल चावल का है। धान की बंपर फसल के बाद भी मिडिल रेंज के चावल 30 से 40 की जगह 50 से 60 रुपये के बीच हो गए।
सिकंदरा स्थित सब्जी एवं फल मंडी के थोक प्याज कारोबारी जितेन्द्र कुशवाहा, राम कोचर, प्रदीप गुप्ता ने बताया कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से आने वाला प्याज आगरा पहुंच नहीं रहा है। पिछले दिनों मौसम की मार प्याज की उपज पर पड़ी है। कर्नाटक में भी प्याज की फसल को ज्यादा नुकसान रहा, इसलिए महाराष्ट्र की प्रसिद्ध नासिक मंडी में ही प्याज का थोक भाव 40 रुपये किलो है,इसलिए यहां प्याज 50 रुपए प्रति किलो है। आवक एवं मांग में काफी अंतर होने से एक हफ्ते से प्याज की कीमत बढ़ी है।
रोज 1600 कुंतल बिकती है प्याज
सिकंदरा मंडी में प्याज के थोक कारोबारी सोहन लाल, दीपक,नितिन व दिलीप ने बताया कि सिकंदरा मंडी में नासिक व अलवर से प्याज आ रही है। यहां करीब 1600 कुंतल प्याज रोज आ रही है पर पिछले एक माह से मात्र 400 कुंतल प्याज रोज आई जिस कारण प्याज के दाम बढ़े।
तीखी हो गई मिर्च, हल्दी ने किया पीला
मिर्च, हल्दी और इलायची सहित तमाम मसाले लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। जीरा और धनिया की कीमतें भी दिवाली के बाद तेजी से बढ़ रही हैं। हल्दी की कीमतों में सबसे ज्यादा और जबरदस्त उछाल आया है। हल्दी 100 रुपए प्रति किलो बिक रही है। थोक में गेहूं 22 रुपए, मैदा 26 रुपए, सूजी 26 रुपए, दाल अरहर पटका 86 रुपए, स्पेशल 76 रुपए, चना दाल 55 रुपए, मटर दाल 60 रुपए, उड़द धोया 130 रुपए, गुड़ 34 रुपए, चीनी 40 रुपए, धनिया 76 रुपए, जीरा 220 रुपए, अजवायन 140 रूपए, कालीमिर्च 400 रुपए, लौंग 550 रुपए, मखाना 665, छुहारा 200 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
प्रशासन चुप, जमाखोरों की मौज
दीपावली के बाद कृत्रिम महंगाई के पीछे जमाखोरी को बड़ी वजह माना जा रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्याज के दाम थोक में 50 और रिटेल में 80 तक रहे, लेकिन सरकारी एजेंसियों ने छापेमारी की कोई कार्रवाई नहीं की। थोक के मुकाबले खुदरा में दो से तीन गुना बेची जा रही सब्जियों को काउंटर लगाकर बिकवाने में कोई पहल नहीं हुई। कमिश्नर अनिल कुमार ने इस बाबत उप निदेशक मंडी व उप निदेशक उद्यान को कार्यवाही के आदेश दिए है।
बिगड़ा रसोई का बजट
आवास विकास सेेक्टर चार निवासी महिला रजनी ने बताया कि हर सब्जी का स्वाद प्याज-टमाटर ही बढ़ाता है। सलाद में इनका उपयोग नहीं हो रहा है, फिर भी बजट बिगड़ रहा है। शास्त्रीपुरम निवासी संगीता, स्पेस कॉलोनी निवासी नीलम व पूजा के अनुसार प्याज और टमाटर की कीमतों में उछाल के कारण इनका उपयोग कम किया है। इसकी जगह मूली, गाजर की सलाद बनानी शुरू की है।
सब्जियों का भाव
सब्जी थोक खुदरा
भाव/किग्रा भाव/किग्रा
आलू 15 20
लखनऊ आलू 20 25
पहाड़ी आलू 30 40
प्याज 50 60-80
टमाटर 40 50-60
गोभी 15 20
गोभी 15 20
मूली 6 10
गाजर 20 30
मेथी 30 40-50
ग्वार फली 30 40-50
हरी प्याज 20 30
नीबू 60 80-100
अदरक 60 80-100
धनिया 20-30 40-50
(ये भाव सिंकदरा फल सब्जी मंडी के हैं)
मसालों के दाम सुनकर ही पीले पड़े
मसाले थोक भाव
हल्दी 100
मिर्च 110
धनिया 76
जीरा 220
खटाई 180
कंगाली में आटा गीला
नाम पहले अब
आटा 22 32
चावल 40 60
तेल 85 100
फल
केला 40 रुपये
पपीता 40
चीकू 60
सेब 40-80
अनार 60-80
दो गुने भाव पर बिक रहा किवी
फलों के भाव तो 20 से 30 फीसदी तक बढ़े हैं, लेकिन सबसे ज्यादा रेट किवी का बढ़ा है। डेंगू, वायरल बुखार में प्लेटलेट्स बढ़ोतरी में किवी को फायदेमंद माना जा रहा है। इससे किवी की मांग में जबरदस्त इजाफा हो गया। बुखार के बीमारों की मांग के कारण दो महीने से किवी का भाव आसमान पर है। आम तौर पर 18 से 22 रुपये प्रति के भाव वाला किवी इन दिनों 40 से 60 रुपये के भाव पर बिक रहा है। शहर के अस्पतालों, नर्सिंग होम के पास के फल विक्रेताओं पर ही किवी की बिक्री ज्यादा है।