गिरिराज जी की तलहटी में नववर्ष में बनेगी अनोखी घाटी, अद्भुत होगा रूप Agra News
फूल बंगला के लिए मलेशिया से खास तरह का पुष्प कॉकरेट गिरिराज की सेवा में मंगाए गए हैं। विदेशी घास भी मंदिर प्रांगण की शोभ्ाा बढ़ाएगी।
आगरा, जेएनएन। नववर्ष पर गिरिराजजी की तलहटी फूलों की घाटी बनी नजर आएगी। प्रभु के श्रृंगार में विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे पुष्प जहां भक्तिभाव को नया आयाम देंगे, वहीं गिरिराज के श्रृंगार का हिस्सा बनने वाले फूल खुद भी अपनी किस्मत पर मुस्कराते नजर आएंगे। मंदिर में चारों तरफ फूलों की लड़िया और बुके दर-ओ-दीवार को खूबसूरती प्रदान करते नजर आएंगे।
मुकुट मुखारविंद मंदिर के सहायक प्रबंधक संतोष शर्मा ने बताया कि फूल बंगला के लिए मलेशिया से खास तरह का पुष्प कॉकरेट गिरिराज की सेवा में मंगाए जाते हैं। विदेशी घास भी मंदिर प्रांगण की शोभा में चार चांद लगाएगी। गुलाब, गेंदा, गिलाट, मोगरा, पान पराग के पत्ते, चमेली का प्रयोग सजावट में किया जाएगा। गुलदावरी और कुंद के पुष्प इंदौर और बंगलुरू से मंगाए हैं तो रजनीगंधा दिल्ली से आएगा। पवित्रता, सुंदरता और भक्ति का अनूठा संगम वातावरण को अलौकिक बना देगा। प्रसिद्ध मंदिर दानघाटी, मुकुट मुखारविंद, हर गोकुल, जतीपुरा स्थित मुखारविंद मंदिर में फूल बंगला से गोवर्धन फूलों की घाटी नजर आएगी।
एक लाख तक लागत
फूल बंगले सजाने वाले नवरतन सैनी बताते हैं कि एक बंगले में करीब 15 हजार से एक लाख तक की लागत आती है। बंगले की विशालता और खूबसूरती श्रद्धालु की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है। किश्नो सैनी के अनुसार तलहटी में फूलबंगला दो से तीन लाख रुपये में बनता है। दानघाटी मंदिर के मथुरा प्रसाद कौशिक के अनुसार हर साल नववर्ष पर फूल बंगला बनवाने वालों की लंबी फेहरिस्त रही है। करीब एक दर्जन फूल बंगला दिसंबर में और करीब आधा दर्जन फूल बंगला जनवरी में बनते रहे हैं। इसे सजाने का सिलसिला जारी रहता है 15 दिसंबर से जनवरी के पहले सप्ताह तक। हालांकि एक दर्जन भक्तों ने संपर्क किया है।