Justice: आगरा में किशोरी को अगवा करके बंधक बना दुष्कर्म के आरोपित को दस साल की सजा
Justice मलपुरा थाना क्षेत्र से वर्ष 2015 में अगवा की थी किशोरी। भरतपुर के रहने वाले जुनैद के खिलाफ दर्ज किया गया था मुकदमा। दूसरे आरोपित जाहिद को उसके अधिवक्ता नीरज पाठक के तर्क एवं साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के मलपुरा थाना क्षेत्र से किशोरी काे अगवा करने के बाद बंधक बनाकर दुष्कर्म में दोषी को अदालत ने दस साल कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उसे 50 हजार रुपये अर्थ दंड से भी दंडित किया है।
घटना नवंबर 2015 की है। मलपुरा थाना क्षेत्र निवासी 14 वर्षीय किशोरी घर से सुबह ट्यूशन पढ़ने गई थी। दोपहर तीन बजे तक भी वह घर नहीं लौटी तो स्वजन ने उसकी तलाश शुरू कर दी। सुराग नहीं लगने पर स्वजन ने थाने पहुंचकर उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। इस दौरान स्वजन अपने स्तर से किशोरी की खोजबीन में जुटे रहे। उन्हें पता चला कि राजस्थान के भरतपुर निवासी जुनैद और उसका भाई जाहिद किशोरी को बहला फुसलाकर ले गए हैं। स्वजन की तहरीर पर पुलिस ने जुनैद और उसके भाई जाहिद के खिलाफ किशोरी के अपहरण व पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस ने किशोरी को 14 दिसंबर 2015 को सिरौली मोड़ टेंपो स्टैंड से बरामद कर लिया। उसका मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में बयान दर्ज कराए। इसमें किशोरी ने जुनैद पर ही उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। पुलिस ने जुनैद और जाहिद के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी। मुकदमे के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और पीड़िता की गवाही के आधार पर अदालत ने जुनैद को दोषी माना। अपर जिला जज परवेंद्र कुमार शुक्ला ने जुनैद को दस साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित करके हुए अर्थ दंड की आधी राशि पीड़िता काे दिलाने के अलावा 50 हजार रुपये बतौर क्षतिपूर्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से दिलाने के आदेश दिए। जबकि आरोपित जाहिद को उसके अधिवक्ता नीरज पाठक के तर्क एवं साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया।