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Tajmahal Lockdown: 188 दिनों की बंदी के बाद 179 दिन ही खुल पाया ताजमहल, फिर लटक गया ताला

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 13 माह में दूसरी बार बंद हुए स्मारकों के दरवाजे। 17 मार्च से 20 सितंबर तक बंद रहा था ताजमहल। आगरा के पर्यटन उद्योग को लगा बड़ा झटका। पटरी पर आ नहीं पाया था कारोबार कि दुबारा से बंद होने पर होगा बड़ा नुकसान।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 09:19 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 09:19 AM (IST)
ताजमहल पर शुक्रवार से फिर ताला लटक गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण ने देश में 13 माह में दो बार स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद करा दिया था। पिछले वर्ष स्मारकों पर बंदी का ताला 17 मार्च को लगा था तो इस बार 16 अप्रैल की सुबह से उन पर ताला लटकेगा। 188 दिनों की रिकार्ड बंदी के बाद ताजमहल 179 दिन ही पर्यटकों के लिए खुला रह सका।

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कोरोना के संक्रमण के चलते संस्कृति मंत्रालय ने पिछले वर्ष स्मारकों को लाक डाउन लागू होने से पूर्व ही बंद कर दिया था। 17 मार्च से 20 सितंबर तक 188 दिन ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद रहा था। 21 सितंबर से 15 अप्रैल तक 207 दिनों की अवधि में ताजमहल 179 दिन ही खुल सका। इस अवधि में 29 शुक्रवार रहे। शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी के चलते ताजमहल बंद रहता है, लेकिन 12 मार्च को शाहजहां के उर्स के चलते ताजमहल खुला था।

थम जाएगा पर्यटन कारोबार

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते पर्यटन कारोबार प्रभावित होने लगा था। शुक्रवार को स्मारकों के बंद होने के साथ ही पर्यटन कारेाबार के पहिए पूरी तरह थम जाएंगे। बिना लाक डाउन के ही होटल, रेस्टोरेंट में बंदी जैसी स्थिति हो जाएगी। पर्यटन कारोबारियों में इससे सरकार के प्रति काफी नाराजगी है।

पर्यटन कारोबार: एक नजर

-शहर में करीब 500 छोटे-छोटे बड़े होटल, 100 से अधिक पेइंग गेस्ट हाउस, करीब 500 छोटे-बड़े रेस्टोरेंट हैं।

-करीब पांच लाख लोग पर्यटन कारोबार पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आश्रित हैं।

-लाइसेंसधारक एक हजार से अधिक गाइड, 525 से अधिक फोटोग्राफर इससे प्रभावित होंगे।

-आगरा में करीब 2500 करोड़ रुपये का हैंडीक्राफ्ट कारोबार है, जिसमें से 1500 करोड़ रुपये का कारोबार पर्यटकों पर निर्भर है।

-छोटे-बड़े 150 से अधिक हैंडीक्राफ्ट के एंपोरियम, शोरूम व दुकानें हैं।

-हैंडीक्राफ्ट कारोबार पर करीब 70 हजार लोग निर्भर हैं, जो एक वर्ष से बुरी तरह प्रभावित हैं।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को कोरोना वायरस पर नियंत्रण को अस्पतालों और इंजेक्शनों का इंतजाम करना चाहिए था। स्मारकों को बंद करने का निर्णय उचित नहीं है। क्या विधानसभा, पंचायत चुनाव या कुंभ जैसे आयोजनों से कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैलता?

-राकेश चौहान, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन

स्मारकों को बंद करने का सरकार का निर्णय गलत है। स्मारकों से अधिक भीड़ पंचायत चुनाव को मतदान की लाइनों में लगी नजर आई। 13 माह से पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित है। इससे गलत संदेश जाने के साथ कारोबार को उबरने में बहुत वक्त लगेगा।

-रमेश वाधवा, अध्यक्ष होटल एंड रेस्टोरेंट आनर्स एसोसिएशन 


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