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कला और संस्‍कृति का मेला ताज महोत्‍सव, इस बार बदल दी गईं आयोजन की तारीखें

Taj Mahotsav आगरा में इस साल 20 से 29 मार्च तक होगा ताज महोत्सव। विधानसभा चुनाव के चलते फरवरी में नहीं होगा महोत्सव का आयोजन। आजादी के अमृत महोत्सव के संग ताज महोत्सव के रंग चुनी गई थीम।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 10:35 AM (IST)
कला और संस्‍कृति का मेला ताज महोत्‍सव, इस बार बदल दी गईं आयोजन की तारीखें
इस बार ताजमहोत्‍सव का आयोजन मार्च के आखिरी सप्‍ताह में होगा।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र विधानसभा चुनाव के चलते ताज महोत्सव का आयोजन इस बार फरवरी में नहीं होगा। महोत्सव समिति ने 20 से 29 मार्च तक महोत्सव का आयोजन कराने का निर्णय लिया है। महोत्सव के लिए थीम "आजादी के अमृत महोत्सव के संग ताज महोत्सव के रंग' चुनी गई है। पिछले वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते महोत्सव का आयोजन नहीं हो सका था।

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शहर में कला, संस्कृति और व्यंजनों के एकमात्र आयोजन ताज महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1992 में शिल्पग्राम में की गई थी। तभी से महोत्सव का आयोजन 18 से 27 फरवरी तक होता रहा है। ताज महोत्सव आयोजन समिति की दिसंबर में हुई बैठक में महोत्सव की तैयारियां शुरू करने का निर्णय लिया गया था। जनवरी की शुरुआत में ही उप्र विधानसभा चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू हो गई, जिसके चलते महोत्सव की तैयारियां प्रभावित हुईं और टेंडर नहीं किए जा सके। इसके चलते आयोजन समिति ने 20 से 29 मार्च तक महोत्सव का आयोजन कराने का निर्णय लिया है। तब तक चुनाव संपन्न हो जाएगा और होली भी हो जाएगी। उधर, आयोजन समिति के अध्यक्ष कमिश्नर अमित गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में महोत्सव के लिए थीम चुन ली गई है। देश इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसलिए उससे जुड़ी थीम "आजादी के अमृत महोत्सव के संग ताज महोत्सव के रंग' चुनी गई है। यह थीम पी एंड टी कालोनी निवासी कुसुमलता द्वारा सुझाई गई है।

उपनिदेशक पर्यटन राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि ताज महोत्सव की तिथि और थीम तय हो चुकी है। चुनाव आयोग को अनुमति के लिए पत्र भेजा गया है, जिससे कि महोत्सव के आयोजन को तैयारी की जा सके।

2012 व 2017 में भी मार्च में हुआ था महोत्सव

उप्र में वर्ष 2012 व वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव के चलते ताज महोत्सव 18 से 27 फरवरी तक नहीं हुआ था। दोनों बार महोत्सव का आयोजन मार्च में किया गया था। वर्ष 2005 में आगजनी से शिल्पियों का नुकसान होने के चलते महोत्सव को बीच में ही स्थगित करना पड़ा था। 


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