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Taj Mahal will remain closed: एक ताज से 5 लाख को आस, रखी रह गईं तैयारी, निराशा हाथ आई

Taj Mahal will remain closed सोमवार से स्मारकों के खुलने की बाट जोह रहे थे पर्यटक व पर्यटन से जुड़े लोग। पर्यटन जगत में रंगत लौटने की उम्मीदों पर जिला प्रशासन के फैसले से लगा ब्रे

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 01:41 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 01:41 PM (IST)
Taj Mahal will remain closed: एक ताज से 5 लाख को आस, रखी रह गईं तैयारी, निराशा हाथ आई
Taj Mahal will remain closed: एक ताज से 5 लाख को आस, रखी रह गईं तैयारी, निराशा हाथ आई

आगरा, जागरण संवाददाता। 111 दिन की बंदी के बाद सोमवार से ताजमहल व अन्य स्मारकों के खुलने से ताजनगरी और पर्यटन जगत में रंगत लौटने की उम्मीदों पर जिला प्रशासन के फैसले ने ब्रेक लगा दिया है। स्मारकों के खुलने पर अन्य उद्योगों के समान पर्यटन उद्योग के पुन: पटरी पर लौटने की उम्मीदें लगाए पर्यटन से जुड़े लोगों को मायूसी मिली है। वहीं, धवल संगमरमरी ताजमहल के दीदार का ख्वाब संजोए पर्यटकों को अभी और इंतजार करना होगा।

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आगरा में ताजमहल समेत सभी समारक 17 मार्च से बंद हैं। रविवार को इनकी बंदी के 111 दिन पूरे हो गए। दो जुलाई को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के ट्वीट के बाद पर्यटन उद्योग से जुड़े करीब पांच लाख लोगों को सोमवार से स्मारक खुलने पर अन्य उद्योगों के समान पर्यटन उद्योग में कामकाज शुरू होने की उम्मीद बंधी थी। आस थी कि छह जुलाई से ताजमहल खुलेगा तो उसके अांगन में एक बार फिर देश-दुनिया के पर्यटक नजर आएंगे। पर्यटकों का आना शुरू होने के बाद अन्य उद्योगों के समान पर्यटन उद्योग भी धीरे-धीरे ही सही पुन: रंगत पा सकेग। यह आस रविवार शाम जिला प्रशासन द्वारा स्मारकों को नहीं खोले जाने का फैसला लेने पर टूट गई और उनमें मायूसी छा गई।

स्मारकों को नहीं खोले जाने का फैसला निराशाजनक है। कोरोना का डर कोरोना से बड़ा हो गया है। कभी न कभी तो लोगों को बाहर आना ही पड़ेगा। जब मॉल, होटल, सब कुछ खोले जा चुके हैं तो स्मारकों को नहीं खोलने का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है।

-राजीव सक्सेना, उपाध्यक्ष टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा

छह जुलाई से ताजमहल खुलने का संदेश दुनियाभर में चला गया था। स्मारकों को बंद रखे जाने का फैसला लिए जाने से अब गलत संदेश गया है। चार माह से खाली बैठे गाइडों को उम्मीद जगी थी। एंपोरियम, दुकानों व होटलों में तैयारी शुरू हो गई थी, लेकिन सब आस टूट गई है।

-शमसुद्दीन, अध्यक्ष एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन

इस फैसले से केवल आगरा ही नहीं पूरे देश के असुरक्षित होने का संदेश दुनिया भर में जाएगा। जब मॉल व शादी में लोग जा रहे हैं तो फिर ताजमहल को खोलने में क्या दिक्कत है? इससे दुनिया में गलत संदेश जाएगा। जिला प्रशासन को अपने फैसले पर शीघ्र पुनर्विचार करना चाहिए।

-सुनील गुप्ता, चेयरमैन नोर्दर्न रीजन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स

पर्यटन पर पड़ेगा बुरा असर

राजस्थान में राज्य सरकार के स्मारक एक माह पूर्व ही खुल चुके हैं। सोमवार से राजस्थान व दिल्ली में एएसआइ संरक्षित सभी स्मारक खुल जाएंगे। दिल्ली की स्थिति आगरा से बहुत अधिक विकट है, इसके बावजूद वहां स्मारक खुल रहे हैं, जामा मस्जिद तो रविवार को ही खुल गई। आगरा में कोविड-19 के कम केस होने के बावजूद स्मारकों को बंद रखे जाने से पर्यटन कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा।

धरी रह गईं एएसआइ की तैयारियां

एएसआइ ने संस्कृति मंत्रालय के आदेश के उपरांत स्मारकों को सोमवार से खोले जाने को तैयारियां शुरू की थीं। स्मारकों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के साथ उन्हें फेस मास्क, थर्मल स्कैनिंग को मशीनें उपलब्ध कराई थीं। ताजमहल पर टर्न स्टाइल गेट के पास और अन्य स्मारकों पर टिकट विंडो के नजदीक गोले बनवाए गए थे। दो दिन से विभाग यह तैयारियां कर रहा था। रविवार रात जिला प्रशासन के इनकार के बाद विभाग की तैयारियां धरी रह गईं।

एंपोरियम व होटल कर रहे थे तैयारी

छह जुलाई से स्मारकों के खुलने की घोषणा होने के बाद एंपोरियम, शोरूम, दुकानों, होटलों व रेस्टोरेंट में भारतीय पर्यटकों के आने की संभावना को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। गोकुलपुरा में हैंडीक्राफ्ट की दुकानें खुलना शुरू हो गई थीं, लेकिन स्मारकों को बंद रखे जाने से सभी को जोर का झटका लगा है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग करानी होगी बंद

एएसआइ ने स्मारकों को सोमवार से खोले जाने की घोषणा होने के बाद ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू कर दी थी। आगरा के स्मारकों की टिकट बुकिंग भी शुरू हो गई थी। रविवार रात आगरा के स्मारकों को बंद रखे जाने का फैसला जिला प्रशासन द्वारा लिए जाने के बाद एएसआइ अब सोमवार को दिल्ली मुख्यालय को ऑनलाइन टिकट बुकिंग बंद कराने को पत्र भेजेगा।

यह है स्थिति

-आगरा में पर्यटन व हैंडीक्राफ्ट उद्योग में करीब पांच लाख लाेग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आश्रित हैं।

-प्रतिवर्ष ताज देखने करीब 75 लाख विदेशी व भारतीय पर्यटक आगरा आते हैं।

-शहर में 500 छोटे-बड़े होटल, 100 से अधिक गेस्ट हाउस, 150 से अधिक रेस्टोरेंट हैं, जो बंद चल रहे हैं।

-हैंडीक्राफ्ट के छोटे-बड़े 500 एंपोरियम, शोरूम व दुकानें हैं, जिनसे 70 हजार के करीब लोग जुड़े हुए हैं।

-टूर एंड ट्रांसपोर्ट ट्रेड के पहिए भी स्मारकों के बंद होने की वजह से थमे हुए हैं।

-पर्यटन का वार्षिक कारोबार करीब पांच हजार करोड़ रुपये और हैंडीक्राफ्ट कारोबार करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का है।

-कोविड-19 के चलते पर्यटन उद्योग को करीब दो हजार करोड़ रुपये का झटका लगा है।

-आगरा में पेठा उद्योग यहां आने वाले पर्यटकों पर काफी हद तक आश्रित है।

-घरेलू जूता कारोबार भी पर्यटकों पर निर्भर करता है। 


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