Move to Jagran APP

Agra Stadium: आगरा स्‍टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक ही नहीं, ओलंपिक के लिए एथलीट कैसे भर पाएंगे फर्राटा

आगरा में एकलव्‍य स्टेडियम के मैदान में मिट्टी के ट्रैक पर करते हैं अभ्यास। रियो ओलंपिक में खेले थे बाह के एथलीट अंकित शर्मा। तीन-चार वर्ष पूर्व प्रशासन ने खेरिया मोड़ के पास जगह को खेल सुविधाएं विकसित करने को चिह्नित किया था। यहां 18 एकड़ जगह थी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:40 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 08:40 AM (IST)
Agra Stadium: आगरा स्‍टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक ही नहीं, ओलंपिक के लिए एथलीट कैसे भर पाएंगे फर्राटा
आगरा के एथलीट्स को सिंथेटिक ट्रैक बनने का इंतजार है।

आगरा, जागरण संवाददाता। उड़न सिख मिल्खा सिंह का ओलिंपिक में किसी भारतीय एथलीट को पदक जीतते हुए देखने का ख्वाब अधूरा ही रह गया। मिल्खा सिंह तो किसी भारतीय खिलाड़ी को पदक जीतते हुए देखना चाहते थे, लेकिन आगरा तो ओलिंपिक गेम्स में प्रतिनिधित्व को भी तरस रहा है। वर्ष 2016 के रियो ओलिंपिक में आगरा के एथलीट अंकित शर्मा ने भाग लिया था, लेकिन टोक्यो ओलिंपिक में आगरा का कोई खिलाड़ी या कोच नहीं है। आगरा में संसाधनों के अभाव में खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, जबकि पूर्व में चार दशक पहले तक आगरा के एथलीट एशियन गेम्स में पदक जीत चुके हैं।

loksabha election banner

संसाधनों का है अभाव

-सिंथेटिक ट्रैक नहीं है।

-एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम ही एकमात्र जगह है।

-एथलेटिक्स में कई इवेंट होते हैं, लेकिन कोच केवल एक ही है।

-खिलाड़ियों को जिम, स्वीमिंग पूल आदि की सुविधाएं नहीं मिल पाती।

यह किया जाए

-स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाए जाएं, जहां खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाएं हों।

-सिंथेटिक ट्रैक बनाया जाए।

-एथलेटिक्स के इवेंट के अनुसार योग्य कोच तैनात किए जाएं।

-स्थायी कोच तैनात हों, जिससे बार-बार कोच बदलने से खिलाड़ियों को परेशानी न हो।

इन एथलीट ने बढ़ाया है आगरा का मान

-वर्ष 1974 में तेहरान में हुए एशियन गेम्स में बाह के विजय सिंह चौहान ने डकेथलान में स्वर्ण पदक जीता था।

-वर्ष 1978 में हुए एशियन गेम्स में बाह के रतन सिंह भदौरिया ने 1500 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता था।

-वर्ष 2016 के रियो ओलिंपिक में बाह के अंकित शर्मा ने लंबी कूद में भाग लिया।

स्पोर्ट्स कांंपलेक्स बनाए जाएं

ओलिंपियन अंकित शर्मा ने कहा कि आगरा में एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम के अलावा कोई मैदान नहीं है। पूरे जिले में सिंथेटिक ट्रैक नहीं है, जिस पर खिलाड़ी अभ्यास कर सकें। एकलव्य स्टेडियम का ट्रैक मिट्टी का बना है। बारिश होने के बाद उस पर एथलीट अभ्यास नहीं कर पाते हैं। क्रिकेट का मैदान होने से सिंथेटिक ट्रैक यहां बन नहीं सकता है। यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें तराशने की जरूरत है। अच्छे कोच तैनात किए जाएं और उनमें विजन होना चाहिए, जिससे कि वो खिलाड़ियों को अोलिंपिक खेलों के लिए तैयार कर सकें। एक-दो साल में ओलिंपियन तैयार नहीं होते, इसके लिए सात-आठ वर्ष तैयारी करनी पड़ती है। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाए जाएं, जिनमें सिंथेटिक ट्रैक से लेकर स्वीमिंग पूल तक होना चाहिए।

खेरिया मोड़ के पास ट्रैक बनाने का था प्रस्ताव

तीन-चार वर्ष पूर्व प्रशासन ने खेरिया मोड़ के पास जगह को खेल सुविधाएं विकसित करने को चिह्नित किया था। यहां 18 एकड़ जगह थी, जबकि स्टेडियम मात्र 13 एकड़ में बना है। खेरिया मोड़ के पास वाली जगह पर एथलीट के लिए अलग से ट्रैक बनाने का प्रस्ताव भी था। उक्त जमीन पर कोर्ट केस के चलते प्रशासन ने हाथ पीछे खींच लिए और बात आगे नहीं बढ़ सकी।

खिलाड़ियों का दर्द

आगरा में एथलेटिक्स के खिलाड़ियों के लिए उचित सुविधाओं का अभाव है। हरियाणा सरकार, राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के पदक विजेता खिलाड़ियों को पैसे देती है, जबकि उप्र में ऐसा नहीं होता है। इससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिल पाता है।

-गौरव कुमार, एथलीट (हैमर थ्रो)

स्टेडियम में मल्टीपर्पज ग्राउंड में ही सभी खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। यहां सिंथेटिक ट्रैक नहीं है। मिट्टी के ट्रैक पर खिलाड़ियों को अभ्यास करना होता है। अधिक बारिश होने पर खिलाड़ी ट्रैक पर फिसलने की आशंका से अभ्यास भी नहीं कर पाते हैं।

-राजेश कुमार, एथलीट (100 मीटर)

आगरा में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन अच्छे काेच का अभाव है। मानदेय पर रखे जाने वाले कोच एक वर्ष बाद बदल जाते हैं। स्थायी कोच रखे जाएं जो कि खिलाड़ियों को चिह्नित कर उन्हें ओलिंपिक खेलों के लिए तैयार कर सकें।

-जोगेंद्र सिंह, एथलीट (100 व 200 मीटर)

कोच अच्छा, सपोर्ट करने वाला और प्रेरित करने वाला होना चाहिए। हर वर्ष कोच बदलने से खिलाड़ियों की तैयारी प्रभावित होती है। सरकार स्थायी कोच तैनात करे। खिलाड़ियों को सुविधाएं मिलेंगी तो वो अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे।

-प्रियंका, एथलीट (100 व 200 मीटर)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.