Suicide Case in Agra: फरीदाबाद में थम गईं आगरा की महिला चिकित्सक की सांसें
Suicide Case in Agra तीन दिन पहले फ्लैट में फंदे से लटकी मिली थीं। गंभीर हालत में अस्पताल में चल रहा था इलाज।
आगरा, जागरण संवाददाता। शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एससी अग्रवाल की पुत्रवधू डॉ दीप्ति तीन दिन से गंभीर हालत में थीं। बुधवार को सुबह 10.30 बजे फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में उनकी सांसें थम गईं। फरीदाबाद पुलिस ने ताजगंज पुलिस को फोन से इसकी सूचना दी है। अभी स्वजनों से पुलिस संपर्क करने का प्रयास कर रही है। मगर, किसी से संपर्क नहीं हो सका है।
ताजगंज के विभव नगर स्थित विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में तीन अगस्त को महिला चिकित्सक डॉ. दीप्ति ने फांसी लगा ली थी। दीप्ति एनेस्थीसिया विशेषज्ञ हैं। उनके पति हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित अग्रवाल ने कमरे का दरवाजा तोड़कर उनकाे फंदे से नीचे उतारा। गंभीर हालत में उन्हें सुमित अग्रवाल ने अपने ही अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखा था। कोसी से मायके वालों के आने के बाद उन्हें रात को ही वे फरीदाबाद ले गए। वहां सर्वोदय अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। मंगलवार को पुलिस की टीम फरीदाबाद गई थी। वहां चिकित्सकों ने बताया था कि दिव्या कोमा में हैं। उनकी हालत में गिरावट आ रही है। दिव्या के स्वजनों ने किसी भी तरह की पुलिस से शिकायत नहीं की थी। मगर, फ्लैट में की गई जांच में बेड पर सुसाइड नोट रखा मिला था। इसके आधार पर पुलिस जांच कर रही थी। इंस्पेक्टर ताजगंज नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि फरीदाबाद के सेक्टर सात थाने से 11 बजे उनके पास कॉल आई है। पुलिस ने बताया है कि डॉ. दीप्ति की मौत हो गई है। अब ताजगंज पुलिस की टीम वहां जा रही है। स्वजनों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। अभी तक उन्होंने इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं की है।
सुसाइड नोट की होगी फोरेंसिक जांच
पुलिस और फोरेंसिक टीम ने चार अगस्त को डॉक्टर दीप्ति के फ्लैट में छानबीन की थी। वहां से एक सुसाइड नोट मिला था। उस सुसाइड नोट को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। वहां से हैंड राइडिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट ली जाएगी। ताकि यह पुष्टि हो सके कि हस्तलेख डॉक्टर दीप्ति का ही था। डॉक्टर दीप्ति ने अपने सुसाइड नोट में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जिससे यह पता चल सके कि वह किन कारणों से परेशान थीं। अवसाद में क्यों दीं। खुदकुशी से कुछ घंटे पहले तक वह बिल्कुल ठीक थीं। उन्होंने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डीवी शर्मा के नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान एक मरीज को एनेस्थीसिया दिया था। वह बेहोशी की डॉक्टर थीं।