फटकार और नौकरी का तनाव जब नहीं हुआ सहन तो पुलिसकर्मी ने उठाया आत्मघाती कदम
सीओ अछनेरा ने लगाई थी फटकार, जिससे तनाव में था पुलिसकर्मी। पंखे से लटकर कर रहा था आत्महत्या, रस्सी टूटने से गिरा।
आगरा(जेएनएन): हेडमोहर्रर जितेंद्र ने सीओ की फटकार और नौकरी के तनाव के कारण आत्मघाती कदम उठा लिया। कागारौल थाने पर तैनात पुलिसकर्मी ने पंखे पर रस्सी लटकाकर फांसी लगाने का प्रयास किया। गनीमत रही कि रस्सी किसी तरह खुल गई और जितेंद्र नीचे गिर गया। गिरने से हुई आवाज के कारण आसपास के लोगों मौके पर पहुंचे। फिलहाल उसे नामनेर के एसआर हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया है और मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई है। दरअसल हेडमोहर्रर जितेंद्र कागारौल थाने के सामने एक दुकान में किराए पर रहता है। रविवार को सीओ अछनेरा ने उसकी फटकार लगाई थी। इससे वह तनाव में आ गया था। सोमवार सुबह पंखे से लटकर उसने फांसी लगाने का प्रयास किया था लेकिन पंखे से लटकी रस्सी टूटने कारण वो नीचे गिर गया। पास ही स्थित चाय की दुकान पर मौजूद लोगों ने गिरने की आवाज सुनी तो फौरन मदद के लिए पहुंचे। जितेंद्र को हॉस्पीटल पहुंचाने के साथ ही पुलिस को सूचित किया।
पहले भी पुलिसकर्मी उठाते रहे आत्मघाती कदम
बता दें कि पुलिसकर्मियों द्वारा आत्मघाती कदम उठाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी पुलिसकर्मी नौकरी और व्यक्तिगत जीवन में होने वाले तनाव से हार चुके हैं। दो माह पूर्व झारखंड के गढ़वा की पुलिस लाइन में पदस्थापित जैप के हवलदार जेम्स टोप्पो (50) ने पुलिस लाइन में स्थित अपने क्वार्टर में इंसास से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इससे कुछ समय पूर्व हरियाणा के करनाल की सीएसओ बटालियन में हेड क्लर्क के पद पर तैनात एएसआइ ने क्वार्टर में फासी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एसएसआइ के जेब से पुलिस को सुसाइड नोट मिला था, जिसमें बटालियन की छह महिला पुलिसकर्मियों पर झूठे आरोप में फंसाने व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। वहीं सात माह पूर्व लुधियाना के जगराओं में गणतंत्र दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सभा स्थल से कुछ ही दूरी पर एक पुलिस कर्मचारी मंजीत पाल ने खुद को गोली मार ली थी। अभी हाल ही में लखनऊ के आइपीएस अधिकारी सुरेंद्र दास भी तनाव के चलते आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस विभाग के कर्मचारियों को कठोर मन का समझा जाता है, वे तनाव के कारण धीरे धीरे अपनी मनोस्थिति पर से नियंत्रण खो रहे हैं।
लंबी ड्यूटी भी तनाव का कारण
मनोचिकित्सकाेें के अनुसार लगातार कई घंटों की नौकरी, तबादले और परिवार से दूर रहने के कारण पुलिसकर्मी अक्सर कर तनाव में रहते हैं और इस पर यदि अधिकारियों का बेवजह दवाब बनता है तो वे इस स्थिति से इतने परेशान हो जाते हैं कि मौत का रास्ता अपना लेते हैं।