Paras Hospital Agra: श्री पारस अस्पताल के संचालक और स्टाफ के खिलाफ मुकदमे को अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत
Paras Hospital Agra फीराेजाबाद की नेमा देवी ने लगाया पति की गैर इरादतन हत्या धोखाधड़ी का आरोप। अस्पताल संचालक ने बीमारी के नाम दो दिन में बनाया चार लाख रुपये का बिल। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने न्यू आगरा थाने से 13 जुलाई को आख्या तलब की है।
आगरा, जागरण संवाददाता। श्री पारस अस्पताल के संचालक डाक्टर अरिंजय जैन और उनके स्टाफ के खिलाफ गैर इरादत हत्या व धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने को अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। पीड़िता के प्रार्थना पत्र पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यू आगरा थाने से 13 जुलाई को आख्या तलब की है।
फीरोजाबाद के थाना जसराना स्थित गांव नगला कैकन की रहने वाली नेमा देवी ने श्री पारस अस्पताल के खिलाफ मुकदमे के लिए सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। नेमा देवी का आरोप है पति पूरन सिंह की तबीयत खराब होने पर 16 अप्रैल उन्हें श्री पारस अस्पताल लेकर आईं। डाक्टर अरिंजय जैन ने उनके पति को दूर से ही देखा, पैसा जमाकर भर्ती कर लिया। बगैर बीमारी का परीक्षण किए उनसे और स्वजन से कहाकि ये मर जाएगा।डाक्टर ने बगैर परीक्षण के ही तमाम अप्रत्याशित जांचें व दवाइयां मंगवा लीं। लाई गईं दवाओं को उनके पति को न देकर स्टाफ खुद रख लेता था।
नेमा देवी का आरोप है कि उन्हें पति की मृत्यु का भय दिखाकर बिना उपचार के उनसे धन एेंठना जारी रखा। पति के इलाज के लिए निरंतर विनती करने के बावजूद इलाज न कर विभिन्न जांच एवं दवाइयां मंगाना जारी रखा। अस्पताल के संचालक डाक्टर अरिंजय जैन ने न तो उनके पति को आक्सीजन लगाई और ना ही वेंटीलेटर पर रखा। इसके बाजवूद दो दिन के इलाज के नाम पर उसके चार लाख रुपये खर्च करा दिए।
नेमा देवी का आरोप है कि इतना पैसा खर्च करने के बावजूद उनके पति की हालत निरंतर बिगड़ती रही। भर्ती कराने के दो दिन बाद 18 अप्रैल को पति पूरन सिंह की मौत हो गई। इससे वह परिवार के लोग गहरे सदमे में आ गए। नेमा देवी ने आरोप लगाया कि डाक्टर और स्टाफ किसी को भी मरीज के पास तक नहीं जाने देते थे। यह भी नहीं बताते थे कि क्या इलाज चल रहा है। पति की मौत की जानकारी होने पर उन्हाेंने व स्वजन ने डाक्टर से मिलने का प्रयास किया। सुरक्षा स्टाफ ने उन्हें मिलने नहीं दिया, जेल भिजवाने की धमकी दी।
नेमा देवी का आरोप है कि मुकदमा दर्ज कराने को उन्होंने एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मुकदमा दर्ज नहीं होने पर नेमा देवी के अपने अधिवक्ता रमा शंकर सिंह राजपूत एवं सतीश कुमार समी के माध्यम से मुकदमा दर्ज कराने को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें अमानत में ख्यानत, धोखाधडी, गैर इरादतन हत्या, धमकी देकर वसूली एवं षड़यंत्र रचने की धारा के तहत मुकदमा दर्ज करने को प्रार्थना पत्र दिया है। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने न्यू आगरा थाने से 13 जुलाई को आख्या तलब की है।