नए कृषि कानून पर बोले छात्र, जल्द किसी बात को लेकर धारणा बना लेना अनुचित
जीएलए यूनिवर्सिटी के सेटरेंगल क्लब ने किया कृषि कानून पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन। पक्ष और विपक्ष ने तर्कपूर्ण अंदाज में रखी अपनी बात। किसानाेें से जुड़े मामले में राजनीति न करने के पक्षधर दिखे ज्यादातर छात्र-छात्राएं।
आगरा, जेएनएन। नए कृषि कानून पर इस समय देशभर मेंं भूचाल आया हुआ है। नया कानून किसानों के हित में है या उनके लिए सिरदर्द। इस बात पर बहस छिड़ी हुई है। ऐसी ही एक परिचर्चा तकनीकी पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं ने की। पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तर्कपूर्ण तीर चले। दोनों ही तरफ से दलीलें मजबूत दी गईं। निष्कर्ष ये निकला कि कृषि कानून से देश में किसानों के भविष्य में क्या बदलाव आएगा, इसको लेकर अभी सब तय कर देना, जल्दबाजी होगी।
जीएलए विश्वविद्यालय के Saturangle Club ने नए कृषि कानून पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया। मुख्य अतिथि रहींं भाजपा जिलाध्यक्ष (मथुरा) मधु शर्मा ने पक्ष और विपक्ष दोनों को सराहते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि आज युवा अपनी ऊर्जा देश की बेहतरी के लिए भी लगा रहा है। भारत का भविष्य अब युवाओंं के हाथों में है और मुझे विश्वास है कि इस देश का भविष्य उज्ज्वल है। कार्यक्रम में अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पंचानन मोहन्ती भी मौजूद रहे, उन्होंने अनेक उदाहरण देकर से युवाओ का मनोबल बढ़ाया।
क्लब की सलाहाकार डॉ० दिव्या गुप्ता ने बच्चोंं को इस तरह के कार्यक्रमोंं में निरतंर भाग लेते रहने को प्रोत्साहित किया और कहा कि पढ़ाई के साथ साथ बच्चों को आसपास घटित होने वाले घटनाक्रमों पर भी निरंतर नजर रखनी चाहिए।
क्लब के अध्यक्ष अभय सिंह ने कार्यक्रम की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सभी प्रतिभागी अपने प्रतिभा को यूं ही निखारने के कार्य करते रहेंं ताकि भविष्य में राष्ट्र की कमान अच्छे हाथोंं में हो। उपाध्यक्ष विश्व प्रकाश राय ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले युवाओंं को साधुवाद दिया।
कार्यक्रम के जज प्रतीक पांडेय, कस्तूरी सिन्हा और सूरज कुमार ने निर्णय सुनाया। जिसमेंं पवन पांडेय को प्रथम, दिव्यांश मिश्रा को द्वितीय पुरस्कार दिया गया।