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जान लें आज से लागू हो गया है विवि में नया नियम, अब छात्रों का यहां रहेगा प्रवेश बंद Agra News

औटा कार्यालय में सिर्फ दो घंटे सुनी जाएंगी शिकायतें। आज से लागू होगा विवि प्रशासन का नया आदेश।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 12:23 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 12:23 PM (IST)
जान लें आज से लागू हो गया है विवि में नया नियम, अब छात्रों का यहां रहेगा प्रवेश बंद Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। डिग्री- मार्क्‍सशीट के लिए परेशान छात्रों की समस्या का समाधान करने में विफल विवि प्रशासन ने अब उनसे मुंह मोड़ लिया है। विवि में छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। विवि के अधिकारियों को सामना न करना पड़े इसलिए शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। इसके सदस्य दोपहर दो से चार बजे तक ही छात्रों की समस्याएं सुनेंगे।

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विवि में छात्रों की समस्या बढ़ती जा रही है। विवि समाधान करने में फेल है। ऐसे में छात्र बार-बार अधिकारियों के पास न पहुंचें इसके लिए विवि प्रशासन ने बुधवार से छात्र शिकायत प्रकोष्ठ की शुरुआत की है। इस प्रकोष्ठ में विवि का कोई भी अधिकारी नहीं होगा। इसमें आवासीय संस्थान के शिक्षक प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. मो. अरशद, औटा महामंत्री निशांत चौहान, ममता सिंह व नीलम यादव हैं। यह प्रकोष्ठ ही छात्रों की समस्या सुनेगा और उनका निस्तारण करेगा। यह लोग औटा कार्यालय में बैठकर ही विद्यार्थियों की समस्याएं सुनेंगे। हालांकि आवासीय संस्थानों के विद्यार्थी आइकार्ड दिखाकर विवि परिसर में प्रवेश कर सकेंगे।

छात्रों को होगी और परेशानी

नई व्यवस्था के तहत विवि परिसर को छात्र मुक्त करने की बात कही गई है। मगर, इस व्यवस्था से छात्रों की मुश्किल बढ़ने वाली हैं। पहले छात्र घंटों लाइन में लगकर ही सही लेकिन अधिकारी और संबंधित पटल पर अपनी समस्या बता पाते थे। मगर, अब उन्हें एक फॉर्म दिया जाएगा। फॉर्म को भरवाने के बाद उन्हें एक स्लिप और अनुमानित तिथि देकर वापस कर दिया जाएगा। छात्रों को विवि की ओर से समस्या निस्तारित होने के लिए फोन का इंतजार करना होगा।

विवि का कोई अधिकारी नहीं शिकायत प्रकोष्ठ में

विवि ने जो शिकायत प्रकोष्ठ बनाया है उसमें विवि का कोई भी सक्षम अधिकारी नहीं है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर प्रकोष्ठ द्वारा छात्रों की समस्या समाधान के लिए फॉर्म अग्रसारित किए जाएंगे तो उनके निर्देशों का कौन मानेगा? विवि में अधिकारियों द्वारा निर्देशित कागज पटलों पर लंबे समय तक लंबित रहते हैं।

ऑनलाइन सिस्टम में भी फेल

विवि ने छात्रों की समस्या समाधान के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू किया था। इसके लिए आउटसोर्सिग पर कर्मचारी रखे गए। छात्रों को निश्चित समय में समस्या समाधान का दावा किया गया। यह और बात है कि विवि का आनलाइन सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया। ऑनलाइन आवेदन के बाद भी छात्र-छात्रओं को विवि में चक्कर लगाने पड़ते थे।

लाइन ही कर दी खत्म

विवि ने छात्रों की भीड़ को कम करने के लिए पास सिस्टम शुरू किया था। छात्रों को पहले पास के लिए लाइन में लगना पड़ता था। इसके बाद अधिकारियों से मिलने को घंटों लाइन में। विवि प्रशासन छात्रों की लाइन को खत्म नहीं कर पाया। ऐसे में प्रवेश रोककर लाइन ही खत्म करने का निर्णय लिया गया है।

एक माह के लिए प्रयोग के तौर पर फैसला

विवि के पीआरओ गिरजाशंकर शर्मा का कहना है बुधवार से यह व्यवस्था लागू की जा रही है। विशेष परिस्थिति में छात्रों को प्रवेश की अनुमति रहेगी। आपातकाल की स्थिति में विवि के समक्ष अधिकारी निर्णय लेंगे। अभी यह व्यवस्था एक माह के लिए प्रयोग के तौर पर लागू की गई है।

चैलेंज इवेल्यूएशन के लिए राजभवन से मांगी अनुमति

विवि के पीआरओ गिरजाशंकर शर्मा ने बताया कि चैलेंज इवेल्यूएशन को लागू करने के लिए राजभवन से अनुमति मांगी गई है। वहीं वर्तमान में बैक पेपर के फार्म भरे जा रहे हैं।

अधिकारियों से मिलने के लिए लेनी होगी अनुमति

विवि में कुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और वित्त अधिकारी से सीधे मुलाकात नहीं हो सकेगी। मुलाकात के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। इसके बाद ही मुलाकात संभव हो सकेगी।

मार्क्‍सशीट देना पहले ही कर दिया गया बंद

विवि प्रशासन ने विवि में छात्रों की भीड़ कम करने के लिए स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को मार्क्‍सशीट देना पहले ही बंद कर दिया है। मगर, इसके बाद भी विवि में छात्रों की भीड़ कम नहीं हो सकी।


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