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Monuments in Agra: पत्थरों के खनन पर सख्ती ने लगाया आगरा के स्मारकों में संरक्षण पर ब्रेक

Monuments in Agra राजस्थान में पत्थरों के खनन पर सख्ती से हो रही मुश्किल। पत्थर के उपलब्ध नहीं होने से टेंडर नहीं भर पा रहे ठेकेदार। आगरा में संरक्षित स्मारकों में संरक्षण के लिए राजस्थान के भरतपुर स्थित बंशी पहाड़पुर से रेड सैंड स्टोन मंगाया जाता है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 04:53 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 04:53 PM (IST)
Monuments in Agra: पत्थरों के खनन पर सख्ती ने लगाया आगरा के स्मारकों में संरक्षण पर ब्रेक
आगरा के स्मारकों में संरक्षण कार्यों पर ब्रेक लग गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। राजस्थान में पत्थरों के खनन पर सख्ती ने ताजनगरी में स्मारकों के संरक्षण पर ब्रेक लगा दिया है। पत्थर उपलब्ध नहीं होने से ठेकेदार टेंडर नहीं भर रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षण कार्य को किए गए चार-पांच टेंडर ठेकेदारों द्वारा रुचि नहीं लिए जाने से निरस्त हो चुके हैं। अब उनका री-टेंडर होगा।

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एएसआइ द्वारा आगरा में संरक्षित स्मारकों में संरक्षण के लिए राजस्थान के भरतपुर स्थित बंशी पहाड़पुर से रेड सैंड स्टोन मंगाया जाता है। राजस्थान सरकार ने पत्थर के खनन पर सख्ती कर दी है, जिसके चलते बाजार में पत्थर नहीं पहुंच रहा। इसका असर एएसआइ द्वारा आगरा स्थित स्मारकों में किए जाने वाले संरक्षण कार्यों पर पड़ा है। एएसआइ ने मेहताब बाग, रामबाग समेत अन्य स्मारकों में संरक्षण कार्यों के लिए टेंडर किए थे। ठेकेदारों द्वारा रुचि नहीं लिए जाने से मेहताब बाग, रामबाग समेत चार-पांच टेंडर अब तक निरस्त हो चुके हैं। किसी टेंडर में एक ही ठेकेदार ने निविदा भरी तो किसी में एक भी निविदा नहीं आई। रेड सैंड स्टोन की अनुपलब्धता के चलते ठेकेदार निविदा भरने में रुचि नहीं ले रहे, जिससे स्मारकों में संरक्षण कार्यों पर ब्रेक लग गया है। केवल पुराने काम ही हो पा रहे हैं, नए कार्यों की शुरुआत नहीं हो पा रही है।

तांतपुर का पत्थर लगा है स्मारकों में

मुगल काल में बने स्मारकों में आगरा के जगनेर में राजस्थान बार्डर पर स्थित तांतपुर से लाया गया रेड सैंड स्टोन इस्तेमाल किया गया था। इसकी मुख्य वजह पत्थर का मजबूत होना और उसे अधिक देखरेख की जरूरत नहीं होना है। वहां खदानों में पत्थर नहीं बचने के बाद राजस्थान के भरतपुर में स्थित बंशी पहाड़पुर से पत्थर मंगाया जाने लगा। यह पत्थर मजबूती में समान है, केवल रंग में थोड़ा अंतर है। आगरा के जगनेर से राजस्थान के करौली तक एक ही पहाड़ी श्रृंखला है। 


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