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Data Feeding: सबसे सुस्त जिले में डाटा फीडिंग की रफ्तार, मंडल के दूसरे जिले निकले आगे

Data Feeding मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों व कर्मचारियों का डाटा फीड कराने के मामले में आगरा में माध्यमिक शिक्षा विभाग रह गया पीछे। आगरा जिले में कुल 2738 शिक्षक व कर्मचारियों में 2420 की ही डाटा फीडिंग हुई है। मंडल के दूसरे जिले निकले आगे।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 09:43 AM (IST)
Data Feeding: सबसे सुस्त जिले में डाटा फीडिंग की रफ्तार, मंडल के दूसरे जिले निकले आगे
मानव संपदा पोर्टल पर डाटा फीडिंग के मामले में आगरा पिछड़ गया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। अंतिम तिथि निकलने के बाद भी माध्यमिक शिक्षा विभाग, राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों का डाटा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं करा सका है। स्थिति यह है कि मंडल में पिछड़़ते हुए विभाग 43.64 फीसद ही काम पूरा कर पाया है। वह भी तब, जब मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह व पटल सहायक का वेतन रोकने का कार्यवाही भी हो चुकी है।

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आगरा जिले में कुल 2738 शिक्षक व कर्मचारियों में 2420 की ही डाटा फीडिंग हुई है। सत्यापन के लिए 162 सेवा पंजिका लंबित हैं, वहीं 1195 सेवा पंजिका अंतिम रूप से सत्यापित हुई हैं। इस लिहाजा से अब तक विभाग 43.64 फीसद काम ही पूरा कर पाया है।

मंडल में सबसे पीछे

43.64 फीसद काम पूरा करके आगरा जिला, मंडल में सबसे पीछे हैं। जबकि अब तक सबसे ज्यादा 89.44 फीसद काम मथुरा जिला पूरा करते हुए सबसे आगे है। वहीं मैनपुरी 96.19 फीसद के साथ मंडल में दूसरे और 73.57 फीसद सत्यापन के साथ फीरोजाबाद तीसरे नंबर पर है। वहीं मंडल की बात करें, तो अब तक 71.30 फीसद सत्यापन ही पूरा हो पाया है।

जल्द पूरा कराएं काम

संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि मानव संपदा पोर्टल का काम पूरा कराया जा रहा है। जो जिले पिछड़े हैं, वह जल्दी ही इसे पूरा कराएं।

परिचय पत्र में गड़बड़ियों की भरमार

परिषदीय विद्यालय के शिक्षक, कर्मचारियों और शिक्षामित्रों के ब्लॉक स्तर पर परिचय पत्र बनवाए गए हैं, ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित कराने में दिक्कत न हो। लेकिन उनमें गलतियों की भरमार है। स्थिति यह है कि एक शिक्षामित्र को जारी परिचय पत्र में जन्मतिथि 1900 डाल दी है, जबकि कइयों के नाम की स्पेलिंग गलत है तो कई की तैनाती स्थल ही गलत डाल दिया गया है।

यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) पदाधिकारियों का कहना है कि विभाग ने परिचय पत्र के लिए सबसे काफी पहले जानकारी मांगी थी। सभी ने सही जानकारी खंडों को उपलब्ध कराई, लेकिन जब परिचय पत्र मिले, तो उसमें यह लापरवाही सामने आई है। इसमें कई लोगों के नाम, जन्मतिथि, पता गलत है, तो तमाम परिचय-पत्रों पर किसी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। जबकि तमाम जिलों में हस्ताक्षर युक्त परिचय-पत्र दिए गए हैं। यूटा जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि मामले में बेसिक शिक्षाधिकारी से मुलाकात कर परिचय-पत्र संशोधित कराने की मांग की जाएगी। साथ ही उनके हस्ताक्षर भी परिचय पत्र पर अंकित कराने की मांग की जाएगी, ताकि परिचय-पत्र की वैधानिकता बनी रहे।


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