साइबर अपराधियों के खिलाफ खड़ा हो रहा नेटवर्क, धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम Agra News
सभी थानों में भी साइबर क्राइम टीम जाएगी बनाई इंस्पेक्टर होंगे प्रभारी। साइबर क्राइम के मामलों की जांच को कार्य क्षेत्र का होगा बंटवारा।
आगरा, अली अब्बास। साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए अब जोन से लेकर थाना स्तर पर साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन टीम बनाने की तैयारी है। तकनीकी रूप से दक्ष विशेषज्ञों की टीम जांच करके साइबर अपराधियों को सजा दिला सके। जोन से लेकर थाना स्तर तक यह टीमें डाटा चोरी, ई-वॉलेट फ्रॉड, बिटक्वॉइन फ्रॉड, कंप्यूटरीकृत बैंक खातों में हेराफेरी, इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड, इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर जैसे साइबर क्राइम के मामलों की जांच करेंगी। जोन, जिला और थाना स्तर की टीमों का कार्यक्षेत्र बंटा होगा। वह एक दूसरे को सहयोग करेंगी। इन टीमों के गठन की प्रकिया शुरू कर दी गई है। आइजी साइबर क्राइम इन टीमों द्वारा किए जाने वाले कार्य की समीक्षा करेंगे।
जोनल साइबर इन्वेस्टीगेशन सेल
- जोनल साइबर क्राइम सेल द्वारा गंभीर अपराध जैसे साइबर आतंकवाद, डार्कवेब, डाटा चोरी, बिटक्वॉयन, फिरौती जैसे मामलों की जांच करेगी।
- ऐसे अपराध जिनका संपूर्ण राज्य या अंतरराज्यीय स्तर का हो जो अत्यंत जटिल हो उनकी विवेचना जोन स्तर पर गठित साइबर सेल द्वारा की जाएगी।
- जनपदीय साइबर सेल और थाना स्तर पर गठित साइबर टीम को तकनीकी सहायता भी उपलब्ध करायेगी।
- सोशल मीडिया मॉनीटरिंग का कार्य भी किया जाएगा।
जिला साइबर इन्वेस्टीगेशन टीम
- जिला साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन टीम के प्रभारी एसपी/सीओ क्राइम होंगे। इसमें दो इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही होंगे।
- टीम ई-कॉमर्स, फेक ट्विटर हैंडल, लॉटरी फ्रॉड, वेबसाइट डिफेसमेंट, डाटा चोरी जैसे साइबर क्राइम की विवेचना करेगी।
- सेल साइबर क्राइम की एसएसपी द्वारा आवंटित घटनाओं की जांच करेगी। यह विवेचनाएं जटिल प्रकार की होंंगी। इनका दायरा से एक से अधिक जिलों या पूरे प्रदेश स्तर का होगा।
- जनपद के थानों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगी।
- सोशल मीडिया मॉनीटरिंग का काम भी किया जाएगा। महत्वपूर्ण प्रकरणों को एसएसपी के संज्ञान में लाकर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
थाना साइबर क्राइम टीम
- थाने में बनने वाली टीम में एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, दो हड कांस्टेबिल होंगे।
- थाने आने वाले साइबर अपराध से पीडि़तों की त्वरित कार्यवाही में सहायता करेगी। जैसे एटीएम और ऑनलाइन फ्रॉड की स्थिति में तत्काल आरोपित के खाते एवं ई-वॉलेट को सीज कराएगी।
- टीम एटीएम फ्रॉड, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, ई-वॉलेट फ्रॉड, फेक प्रोफाइल, पासवर्ड हैक आदि मामलों की जांच करेगी।
- थाने पर आइटी एक्ट के मुकदमों के विवेचकों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। इसमें साक्ष्य संरक्षण, साक्ष्य विश्लेषण और संकलन में मदद करेगी।
- साइबर क्राइम से संबंधित प्रार्थना पत्रों की जांच करना और उन पर कार्रवाई करना।
साइबर क्राइम के आधार पर जिलों की श्रेणियां
ए श्रेणी: आगरा समेत 10 जिलों को रखा गया है। इनमें वर्ष 2018 में 80 या उससे अधिक साइबर अपराध के मुकदमे दर्ज हुए। आगरा में वर्ष 2017 में 81, वर्ष 2018 में 86 और इस वर्ष एक जनवरी से 15 अगस्त के दौरान साइबर क्राइम के 76 मुकदमे दर्ज किए गए।
बी श्रेणी: उन 29 जिलों को रखा गया है जिनमें वर्ष 2018 में 40 से 80 साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए।
सी श्रेणी: उन 36 जिलों को रखा गया है जिनमें वर्ष 2018 में 40 से कम साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए।
साइबर की क्राइम के आधार पर थानों की श्रेणी
ए श्रेणी: इसमें प्रदेश 12 थाने शामिल हैं, जिनमें वर्ष 2018 में 50 से अधिक साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए।
बी श्रेणी: प्रदेश के 25 थाने शामिल हैं। जिनमें वर्ष 2018 में 25 से अधिक और 50 तक साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए।
सी श्रेणी: प्रदेश के 112 थाने शामिल हैं, जिनमें वर्ष 2018 में 10 से अधिक तथा 25 तक साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए। आगरा के चार थाने इस श्रेणी में आते हैं। शाहगंज में 13, डौकी में 14, शमसाबाद में 11 जबकि इरादत नगर में 13 मुकदमें दर्ज हुए।
डी श्रेणी: प्रदेश के 1399 थाने शामिल हैं। जिनमें वर्ष 2018 में 10 या उससे कम साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज हुए।
जोनल साइबर सेल और जिलों में साइबर क्राइम टीम गठित करने की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी की जाएगी। इससे साइबर अपराध से पीडि़त व्यक्तियों को त्वरित राहत मिल सकेगी।
अजय आनंद, एडीजी जोन