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Holi Special: आगरे की जबान पर चढ़ा रतलामी सेव और राजस्थानी कांजी वड़ा Agra News

दो राज्यों से सीमा जुडऩे के कारण ताजनगरी में है होली पर स्वाद की लंबी लिस्ट। गुजिया के साथ ही कांजी-वड़ा और रतलामी सेव ने मारी रसोई में एंट्री।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 09:41 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 09:41 AM (IST)
Holi Special: आगरे की जबान पर चढ़ा रतलामी सेव और राजस्थानी कांजी वड़ा Agra News
Holi Special: आगरे की जबान पर चढ़ा रतलामी सेव और राजस्थानी कांजी वड़ा Agra News

आगरा, प्रभजोत कौर। वसंत बीतते ही घरों में होली के पकवानों की तैयारी शुरू हो जाती है। चिप्स के लिए आलू और गुजिया के लिए खोआ खरीदा जाता है। हर घर से नमकीन और गुझिया की खुशबू की महक उठने लगती है। ब्रज का स्वाद कई मामलों में अलग है। दो राज्यों से सीमा जुड़ी होने के कारण आगरा में कई स्वाद मिलते हैं। ब्रज के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान के पकवान भी ताजनगरी में घरों की रसोई में अपना स्थान बना चुके हैं। आगरा में होली के पारंपरिक और नए पकवानों पर आइए डालते हैं नजर-

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होली के पकवानों की जब लिस्ट तैयार की जाती है, उसमें सबसे पहले नाम आता है गुझिया का। भुने खोए से भरी गुझिया घरों में सालों से बनती चली आ रही है। खोए के साथ ही कुछ इसमें नारियल का बुरादा भी मिलाते हैैं। मैदे के आवरण को चीनी की चाशनी में भी डुबो कर अलग स्वाद दिया जाता है।

मीठे के साथ नमकीन ज्यादा पसंद किया जाता है। होली पर घरों में मैदे से बनी साखें, दालों के नमकीन भी बनाए जाते हैं। पेठा और दालमोठ आगरा का देसी उत्पाद है। होली के मौके पर दालमोठ की कई वैरायटी बाजार में होती हैं। घरों में भी परंपरागत रूप से बनाई जाती हैं। राजामंडी बाजार में पोस्ट ऑफिस वाली गली में सालों से नमकीन बेच रहे मोहित बताते हैैं कि हमारे दादा ने यह दुकान शुरू की थी। पूरे आगरा से लोग यहां नमकीन खरीदने आते हैैं। यहां मिलने वाली दाल व मूंगफली की नमकीन डिमांड में रहती है। मठरी भी काफी पसंद की जाती है। पुराने बाजारों जैसे लोहामंडी, बल्केश्वर, बिजलीघर में होली के लिए मैदे की तिकोनिया, नमकीन काजू आदि भी बिकते हैं।

आलू और चावल के चिप्स लगे बनने

होली पर चिप्स और पापड़ भी काफी पसंद किए जाते हैैं। महिलाएं अपने घरों में ही आलू के चिप्स और चावल के पापड़ बनाती हैैं। इन्हें धूप में सुखा कर रख लिया जाता है। जो होली के कई महीनों बाद तक काम आते हैैं।

स्वाद में तड़का लगाता है कांजी वड़ा

गुझिया और सांखों में राजस्थान का कांजी वड़ा अलग तड़का लगा देता है। उड़द की दाल के वड़े मसाले के पानी में भिगो कर कांजी का रूप लेते हैैं। होली पर तले पकवानों को खाने के बाद यह हाजमे का भी काम करता है।

मध्यप्रदेश के रतलामी सेव ने मारी एंट्री

होली के पकवानों की लिस्ट में मप्र के रतलामी सेव भी एंट्री कर चुके हैैं। पोहे से लेकर गोलगप्पे की चाट तक पर रतलामी सेव अपना स्वाद बिखेरते हैं। महिलाएं अब इन्हें घर पर भी बनाने लगी हैं।

गोलगप्पे की चाट और आलू का भल्ला

होली पर आगरा में घरों में गोल गप्पे की चाट और आलू का भल्ला भी खिलाया जाता है। इसके साथ-साथ दही-बड़ा बहुत जरूरी होता है। धनिए की चटनी और सौंठ के साथ दही-बड़े को होली की शाम को मेहमानों को खिलाया जाता है। 


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