एक बार आइए तो सही, कंकरीट के जंगलों से दूर, परिंदों की चहचहाहट के बीच Agra News
पक्षी विहार में होती है 35 हजार से ज्यादा नेस्टिंग। कीठम झील के आसपास फैली हरियाली। पेड़ों पर बने घोसले।
आगरा, सुबान खान। बरसात और सावन का महीना नवसृजन का महीना है। इस मास प्रकृति मुस्कराती है और हर ओर रास व उल्लास छा जाता है। आसमान से टपकती स्नेहसिक्त बूंदें जब धरती के आंचल को छूती हैं तो चारों ओर हरीतिमा फैल जाती है। धरती का रूप-सिंगार निखर आता है। ऐसे में आगरा की गोद में इठलाती कीठम झील यानी सूर सरोवर पक्षी विहार में कलरव मद्धिम गति गूंजने लगता है। पक्षियों के लिए यह अपना कुनबा बढ़ाने का समय है। इस साल भी पक्षियों के घोसले सजे हैं। सावन की बरसात में पानी से लबालब सरोवर और उसके आसपास दूर-दूर तक फैली हरियाली। हरे-भरे पेड़ों की शाखाएं अब अपने आंचल में नए मेहमानों के स्वागत को उतावली हैं। यह वो मेहमान हैं, जिनकी चहचहाहट से हरा-भरा गुलिस्तां खुशियों में झूमने लगता है। हर शाख में एक घोसला और उसमें उडऩे को बेताब नए मेहमान।
यह मोहक नजारा कीठम के उस सूर सरोवर पक्षी विहार का है, जिसका मोहक वातावरण विदेशी परिंदों को अपने आगोश में पनाह देता है। महीनों ये परिंदे इसी पक्षी विहार में कलरव करते हैं। गर्मी बढऩे के साथ विदेशी मेहमान तो अपने देश चले जाते हैं, लेकिन देशी और नए मेहमानों से पक्षी विहार की रौनक फिर लौट आई है। यहां पर आधा दर्जन से ज्यादा प्रजाति के पक्षियों ने नेस्टिंग की है। इनमें ब्लैक हैडिड आइबिस, स्नेक बर्ड, नाइट हैरोन, पांड हैरोन, ग्रे हैरोन, लिटिल इग्रेट्स शामिल हैं। ब्लैक हैडिड आइबिस के बच्चे काफी बड़े हो गए हैं। ग्रे-हैरोन के अंडे ही रखे हैं। ब्लैक हैडिड आइबिस के बच्चे उडऩे को तैयार हैं। फिलहाल, ये मासूम अभी एक-दूसरे के घोसले तक पहुंचने लगे हैं।
मां देती है चुग्गा
सुबह को नेस्टिंग करने वाला पक्षी जंगल में चला जाता है और बच्चों को चुग्गा लाकर उनके मुंह में देता है। मां के आते ही बच्चे चहचहाना शुरू कर देते हैं।
हर वर्ष 35 हजार की नेस्टिंग
सूर सरोवर पक्षी विहार के रेंजर सत्यपाल सिंह और प्रताप सिंह ने बताया कि कीठम झील के पास बने घोसलों में हर साल करीब 35 हजार पक्षी जन्म लेते हैं।
विदेशी पक्षी नहीं करते नेस्टिंग
झील के पास पेड़ों पर करीब 50 हजार घोसले रखे हैं। इनमें पक्षियों का निवास बना है। यहां के वातावरण के कारण विदेशी पक्षी गर्मी में चले जाते हैं। इसलिए वह यहां पर नेस्टिंग नहीं कर पाते हैं।
नेस्टिंग के इंतजार में कार्मोरेंट
काले रंग का कार्मोरेंट पक्षी अब नेस्टिंग करने की तैयारी में है। अगस्त में तत्काल नेस्टिंग वाले घोंसले खाली हो जाएंगे। उनमें ही यह पक्षी नेस्टिंग करेगा।