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Ramsar Site: अब बढ़ेगी रौनक, सूर सरोवर पक्षी विहार बना रामसर साइट

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी अब पहचान। दुनियाभर के पक्षी प्रेमी व शोधार्थी आएंगे। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले वर्ष रामसर कंवेंशन स्विटजरलैंड को सूर सरोवर पक्षी विहार का नाम भेजा था। अब जाकर मिल सकी मंजूरी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 01:39 PM (IST)
Ramsar Site: अब बढ़ेगी रौनक, सूर सरोवर पक्षी विहार बना रामसर साइट
सूर सरोवर पक्षी विहार को रामसर साइट घोषित किया गया।

आगरा, जागरण संवाददाता। दीपावली पर ताजनगरी को बड़ा तोहफा मिला है। सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) रामसर साइट घोषित हो गया है। दुनियाभर के 30 हजार प्रवासी पक्षियों को हर वर्ष लुभाने वाला सूर सरोवर पक्षी विहार अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व धरोहर ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी की तरह पहचाना जाएगा। यह पर्यटकों के लिए नया ठिकाना बनने के साथ रोजगार के अवसर भी सृजित करेगा। दुनियाभर के पक्षी प्रेमी और शोधार्थी यहां आएंगे।

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प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष मार्च में रामसर साइट के दर्जे के लिए आवेदन पक्षी विहारों से मांगे गए थे। चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट क्षेत्र में आने वाले आगरा के सूर सरोवर पक्षी विहार, मैनपुरी के समान पक्षी विहार और एटा के पटना पक्षी विहार के नाम भेजे गए थे। प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पिछले वर्ष रामसर कंवेंशन, स्विटजरलैंड को सूर सरोवर पक्षी विहार का नाम भेजा था। सूर सरोवर पक्षी विहार को रामसर साइट का दर्जा दिलाने को मंत्रालय ने आफलाइन और आनलाइन ब्यौरा रामसर कंवेंशन स्विटजरलैंड को भेजा था। अागरा में इससे पूर्व यूनेस्को द्वारा ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी को विश्व धरोहर घोषित कर अंतरराष्ट्रीय मान्यता दी जा चुकी है। सूर सरोवर पक्षी विहार आगरा का चौथा स्थल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। इससे पूर्व जनवरी में मैनपुरी के समान पक्षी विहार को रामसर साइट का दर्जा मिला था।

रामसर वेटलैंड साइट

वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पर सम्मेलन हुआ था। रामसर कंवेंशन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने से पूर्व ईको सिस्टम, वाइल्ड लाइफ समेत कई मानकों पर जांच की जाती है। 160 देशों द्वारा रामसर कंवेंशन स्वीकार किया गया है। रामसर साइट में दर्ज होने से वेटलैंड को मिलने वाले बजट व अंतरराष्ट्रीय सहयोग वृद्धि होती है।

इन पक्षियों की सुनाई देती है चहचहाहट

सूर सरोवर पक्षी विहार में अक्टूबर से मार्च तक बड़ी संख्या में पेलिकन और कारमोरेंट की जुगलबंदी दिखती है। 300 हेक्टेअर की झील के टापुओं पर अंदर की ओर फ्लेमिंगो को उड़ान भरते हुए देखा जा सकता है। यहां बार हेडेड गूज, फ्लेमिंगों, पेलिकन, स्पून बिल, कूट, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, ग्रे क्रेस्टेड्र ग्रेब, ब्लैक टेल्ड गोविट, शावलर, ग्रे लेग गूज, कामन ग्रीन शेंक, कारमोरेंट, कामन सैंडपाइपर, स्पट बिल्ड डक, कांगो डक, व्हिसलिंग टील, ब्लैक नेक्ड स्टार्क की चहचहाहट सुनाई देती है।

सूर सरोवर पक्षी विहार: एक नजर

-सूर सरोवर पक्षी विहार का गजट 27 मार्च, 1991 को हुआ था।

-पक्षी विहार 400 हेक्टेअर क्षेत्र में फैला है।

-300 हेक्टेअर क्षेत्र में मानव निर्मित झील है। इसे गर्मियों में आगरा को पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया था।

-विहार में करीब 80 प्रजातियों के पक्षी मिलते हैं, जो झील व जमीन पर रहते हैं।

-यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या करीब 20 हजार है।

-यहां करीब 60 तरह की मछलियां झील में हैं।

'सूर सरोवर पक्षी विहार रामसर साइट घोषित हो गया है। यह आगरा मंडल का दूसरा और प्रदेश का आठवां वेटलैंड है, जो कि अंतरराष्ट्रीय नक्शे में शामिल हुआ है। इसका सबसे अधिक फायदा विदेश से आने वाले उन पर्यटकों को होगा, जो कि घूमने के लिए वेटलैंड की सूची बनाते हैं।'

-दिवाकर श्रीवास्तव, चीफ वार्डन वाइल्ड लाइफ


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