कोख में बेटा हो तो भी बताते थे बेटी, भ्रूण हत्या करने वालों की तलाश
भ्रूण लिग परीक्षण गिरोह में हास्पिटल संचालक से लेकर बड़ी संख्या में एजेंट शामिल अल्ट्रासाउंड कराने और गर्भपात का 15 से 25 हजार में सौदा
आगरा, जागरण संवाददाता। भ्रूण लिग परीक्षण गिरोह के सदस्य कोख में बेटा होने पर भी बेटी बताते थे, जिससे अल्ट्रासाउंड के बाद गर्भपात के नाम पर कमाई की जा सके। इसके लिए 15 से 25 हजार रुपये में सौदा किया जाता था। हास्पिटल, क्लीनिक में कन्या भ्रूण हत्या की जाती थी। एसटीएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम भ्रूण हत्या करने वालों की तलाश में जुटी है।
भ्रूण लिग परीक्षण गिरोह के आठ सदस्यों से स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूछताछ की। इसमें सामने आया है कि अल्ट्रासाउंड के बाद गर्भस्थ शिशु बेटी बताया जाता था। बेटा होने पर भी उसे बेटी ही बताते थे। इसके बाद दंपती गर्भपात कराने के लिए कहते थे। गर्भपात के लिए सौदेबाजी की जाती थी। यह काम दूसरा गिरोह करता था। इसमें हास्पिटल संचालक से लेकर एजेंट शामिल हैं। शहर से लेकर देहात में गर्भपात किया जाता था। गिरोह के सदस्यों ने गर्भपात कराने वालों की जानकारी नहीं दी है, टीम जांच में जुटी हुई हैं। बताते चलें कि इससे पहले भी भ्रूण लिंग परीक्षण को लेकर आगरा में कार्रवाई हो चुकी है। उस समय राजस्थान की पुलिस ने आकर छापा मारा था। पुलिस ने जयपुर हाउस में ये कार्रवाई की थी। जिला प्रशासन उसके बाद कुछ दिन सक्रिय रहा था, इसके बाद सब मामला हल्का पड़ गया था। डा. राजीव कुमार दोषी पाए जाते हैं तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आइएमए भी कार्रवाई करेगा। आइएमए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का समर्थन करता है।
डा. रवि मोहन पचौरी, अध्यक्ष, आइएमए आगरा