Murder Case in Hostel: फिर विद्यालय पहुंची SIT, शुरू हुई पड़ताल Agra News
लगातार चार दिन की पड़ताल के बाद भी एसआईटी अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है।
आगरा, जेएनएन। मैनपुरी के छात्रा हत्याकांड को लेकर जांच कर रही एसआईटी प्रत्येक पहलू पर सबूत तलाशने में जुटी हुई है। शुक्रवार को सुबह एसटीएफ के सीओ श्याम कांत और पुलिस अधीक्षक अजय कुमार विद्यालय पहुंच गए। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से पूछताछ शुरू कर दी। दूसरी ओर आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल गुरुवार देर शाम वापस कानपुर चले गए थे। शुक्रवार को उनके भी वापस आने की संभावना है। लगातार चार दिन की पड़ताल के बाद भी एसआईटी अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है।
बता दें कि छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जांच कर रही एसआइटी लगातार सुबूतों को तलाश रही है। अब तक कई छात्रों, शिक्षकों,विद्यालय कर्मियों और अन्य लोगों से पूछताछ कर चुकी अब एसआइटी जल्द से जल्द जांच के नतीजे पर पहुंचना चाहती है। इसीलिए पूरे घटनाक्रम और अब तक मिले सबूतों की कड़ियों को जोड़ना शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को एसआइटी के अधिकारियों ने बंद कमरे में कई घंटे गुफ्तगू की थी।
इस घटना को लेकर न सिर्फ जिला बल्कि प्रदेश के लोग निगाह लगा कर बैठे है। हर कोई घटना के राजफाश होने को लेकर उत्सुक है। लोग जानना चाहते है कि आखिर विद्यालय के सुरक्षित माहौल में छात्रा के साथ दुष्कर्म करने में कौन सफल हो गया। बिना अनुमति विद्यालय में प्रवेश की अनुमति किसी को नहीं है। इससे साफ है कि कोई बाहरी व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सका होगा। यदि बाहर का व्यक्ति अंदर नहीं जा सका है तो घटना को अंजाम देने वाला अपराधी अंदर का ही कोई आदमी है। एसआइटी के पास खुद भी इस प्रकार के कई सवाल है जिनका जवाब तलाश करने में जुटी है। गुरुवार को दिन भर इसी प्रकार के तमाम सवालों पर एसआइटी को मंथन चलता रहा है। छात्र किस-किस के संपर्क में अधिक थी। कौन-कौन उससे अधिक बात करता था। कोई बाहरी व्यक्ति उससे मिलने आया था। क्या छात्र किसी प्रकार के मानसिक दबाव में थी। एसआइटी इन सवालों के जवाब खोज कर कड़ियां जोड़ने में कितना सफल हो सकी है। इसको लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है।
सुबूतों की कड़ियां जोड़ने में जुटी एसआइटी
छात्र दुष्कर्म हत्याकांड में जिस जिद ने पुलिस की फजीहत कराई, अब उसी खुदकशी की पहेली में विशेष जांच दल (एसआइटी) भी उलझ गया है। पुलिस का ये दावा छात्रा की ‘डायरी’ और परिस्थितियों के आधार पर था। एसआइटी इन्हीं दावों की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। बीते 16 सितंबर की अलसुबह छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में लटका मिला था। स्वजनों ने मामले में एक छात्र, प्रधानाचार्य, वार्डन और एक अन्य खिलाफ हत्या और दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। परंतु पुलिस और स्कूल प्रशासन इसे खुदकशी करार दे रहे थे। बुधवार देर रात छात्रा के माता-पिता से एसआइटी ने जो पूछताछ की, उसके केंद्र में भी खुदकशी की आशंका ही रही। स्वजनों ने बताया कि उन्होंने एसआइटी के सामने भी खुदकशी की आशंका को सिरे खारिज किया है।
परखी गई पुलिस की नमकीन चोरी वाली दलील
पुलिस ने कहा था छात्रा ने अपनी साथी की नमकीन चोरी कर ली थी, जिस पर शिक्षक ने उसे क्लास की सभी छात्राओं से चांटे लगवाए थे। इसलिए छात्रा अवसाद में आ गई होगी और खुदकशी की होगी। मगर, ये वाकया तीन साल पहले का है। इतनी पुरानी घटना से अवसाद की पुलिस की दलील स्वजनों को हजम नहीं हुई। एसआइटी ने इसकी भी जानकारी जुटाई है।
क्या है कथित सुसाइड नोट की हकीकत
पुलिस को छात्र की नोटबुक मिली थी, जिसमें वह अपने रोजाना के अनुभव लिखती थी। एक पैरा में खुद के परेशान होने का भी उल्लेख है। पुलिस इसको भी एक सुबूत बता रही थी, परंतु इसे सार्वजनिक कभी नहीं किया गया। एसआइटी इसकी भी जांच कर रही है।
सवाल जो कर रहे हैरान
- छात्र का शव मिलने के बाद विद्यालय प्रशासन और पुलिस ने स्वजनों को सूचना नहीं दी। क्या किसी बात को छिपाने के लिए ऐसा किया गया?
- स्वजनों के अनुसार, छात्र के शरीर पर चोटों के निशान थे। क्या वाकई निशान थे, हां तो पीएम रिपोर्ट में जिक्र क्यों नहीं?
- छात्र का शव 11 फीट ऊंची छत के कुंडे पर लटके होने की बात बताई गई थी। क्या छात्र अपने आप इतनी ऊंचाई पर फंदा लगा सकती थी?
- छात्र के साथ दुष्कर्म की पुष्टि होने की बात सामने आ रही है। कहां, कब और किसने किया?