शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के संरक्षण का काम आखिर क्यों नहीं हो पा रहा पूरा Agra News
सामग्री व लेबर उपलब्ध नहीं होने से निर्माण कार्य में आ रही दिक्कत।
आगरा, जागरण संवाददाता। मुगलिया राजधानी रही फतेहपुर सीकरी स्थित सूफी शेख सलीम चिश्ती की दरगाह में संरक्षण का काम रुक गया है। यहां संगमरमर की एक बीम को बदल दिया गया था। दूसरी बीम बदली जानी है। फंड, लेबर व सामग्री उपलब्ध होने में आ रही दिक्कत से ये स्थिति हुई है।
फतेहपुर सीकरी में सूफी शेख सलीम चिश्ती की दरगाह है। सफेद संगमरमर से बनी दरगाह अपने जाली और तोड़ों के वर्क के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां मुस्लिमों के साथ बड़ी संख्या में हिंदू भी सजदा करते हैं। दरगाह की एक बीम में क्रैक आ गया था। उसे साधने के लिए एक दशक पूर्व पाड़ लगाकर रोका लगा दिया था। विश्वदाय स्मारक की यह स्थिति पर्यटकों के लिए चुभने वाली थी। इसके चलते भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने यहां अप्रैल में संरक्षण कार्य शुरू कराया था। दरगाह के गुंबद, छज्जों आदि पर प्वॉइंटिंग का काम किया गया। क्रैक वाली संगमरमर की बीम बदलने को छत खोली गई थी। एक बीम बदल दी गई थी। इस कार्य में सामग्री व लेबर पर करीब 31 लाख रुपये व्यय हुए थे। यहां दूसरी बीम भी बदली जानी है। इस पर करीब 50 लाख रुपये सामग्री व लेबर पर खर्च होंगे। फंड के अभाव में यहां संरक्षण कार्य रुक गया है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सीकरी में उत्तरा देवी ट्रस्ट डिपोजिट वर्क में संरक्षण कार्य करा रहा है। लेबर व्यय ट्रस्ट उपलब्ध करा रहा है और सामग्री व्यय विभाग दे रहा है। सामग्री व लेबर उपलब्ध नहीं होने से दिक्कत आ रही है। फंड की कोई दिक्कत नहीं है।
अन्य स्मारकों में भी प्रभावित होने लगा काम
फंड रिलीज नहीं होने से सीकरी ही नहीं, अन्य स्मारकों में भी संरक्षण कार्य की ये ही स्थिति बनती नजर आ रही है। काम की गति धीमी होने लगी है।