आंवलखेड़ा ने आस्था की जंग जीती, अब अनुमति के साथ निकलेगी श्रीराम शोभायात्रा Agra News
एडीएम ने दी आयोजन समिति को शोभायात्रा निकालने की अनुमति। तीन दिन के आयोजन को लेकर हो रहा था घमासान।
आगरा, जागरण संवाददाता। आखिरकार लोगों की आस्था जीत गई।आस्था की डोर थामे लोग एक साल से प्रयास कर रहे थे कि प्रशासनिक अनुमति के साथ राम का हर काज हो लेकिन सारे प्रयास नाकाफी हो रहे थे। मंगलवार को आखिरकार राम के काज में मंगल हो गया और श्रीराम शोभायात्रा को अनुमति मिल
लंबे समय से आयोजन की अनुमति के लिए भटक रहे आयोजक समिति के पदाधिकारियों को लिखित अनुमति नहीं मिली थी। उन्होंने एलान किया था कि बगैर अनुमति ही मंगलवार को प्रभु श्रीराम की बरात निकाली जाएगी। इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई हैं। सोमवार की शाम आंवलखेड़ा में आकर्षक सजावट की गई थी।
दरअसल आंवलखेड़ा में इस वर्ष श्रीराम सेवा समिति द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की बरात का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को सीताजी का डोला तो निकाला गया था लेकिन आयोजन समिति की धड़कनें प्रशासनिक अनुमति न मिलने के कारण बढ़ी रही थीं। लोगों की परेशानी जायज भी थी क्योंकि प्रशासन पहले ही समिति के कुल 68 लोगों को पाबंद कर चुका है। प्रशासन की पाबंदी के चलते पाबंद लोगों ने थाने में शोभायात्रा में शामिल न होने का शपथ पत्र दाखिल कर दिया है। मंगलवार को जब एडीएम ज्योति राय ने अनुमति दी तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोगों का कहना था कि विगत वर्ष की भांति शोभायात्रा तो इस वर्ष भी निकलती लेकिन मुकदमे, प्रतिबंध के भय का साया आयोजन में छाया रहता।
बता दें कि पिछले वर्ष भारत संगम सेवा संस्थान द्वारा पहली बार आंवलखेड़ा में राम बरात का आयोजन किया गया था। उस वक्त तत्कालीन एसडीएम और पुलिस ने तत्कालीन थानाध्यक्ष नवीन कुमार की रिपोर्ट के आधार पर अनुमति नहीं दी थी। इसमें कहा गया था कि आयोजन परंपरागत नहीं है। आयोजन समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र भारद्वाज एवं अन्य सदस्यों ने जिद पर अड़ कर आयोजन किया था। उस वक्त आयोजन के मुख्य अतिथि एससी आयेाग के अध्यक्ष एवं सांसद रामशंकर कठेरिया थे। आयोजन के चलते उस वक्त 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।