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Janmashtami 2020: 56 भोग के बराबर हैं कृष्ण प्रिय पंच भोग, जानिए Recipe भी

Shri krishna Janmashtami 2020 माखन मिश्री पंजीरी मखाना पाग मखाने की खीर एवं पंचामृत हैं कृष्ण प्रिय पंच भाेग।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 07:01 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 11:24 AM (IST)
Janmashtami 2020: 56 भोग के बराबर हैं कृष्ण प्रिय पंच भोग, जानिए Recipe भी
Janmashtami 2020: 56 भोग के बराबर हैं कृष्ण प्रिय पंच भोग, जानिए Recipe भी

आगरा, जागरण संवाददाता। भाव के भूखे हैं भगवान। कभी चावल के एक दाने से तृप्त हो जाते हैं तो कभी भक्त 56 भाेग लगाकर कृष्ण को रिझाते हैं। सुदामा की पोटली के रूखे चावल अमृत समान समझते हैं तो सिर्फ तुलसी दल से भाेग पूर्ण हो जाता है। जन्माष्टमी वो पर्व है जब घर घर में भक्त अपने आराध्य के लिए तमाम व्यंजन, ढेर सारे पकवान बनाने में जुट जाती हैं लेकिन क्या आपको पता है कि लीलाधर को यदि ये पंच भोग लगाए जाएं तो उसका फल 56 भोग के बराबर ही मिलता है।

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ये हैं पंच भाेग

मक्‍खन मिश्री

लड्डू गोपाल को माखन चोर भी कहा जाता है और यह बात सभी जानते हैं कि लड्डू गोपाल को मक्‍खन मिश्री बहुत पसंद है। अगर आप जन्‍माष्‍टमी पर लड्डू गोपाल को खुश करना चाहती हैं तो मक्‍खन मिश्री का प्रसाद जरूर चढ़ाएं। सबसे पहले एक बड़े बर्तन में दही डालें और फिर उसे मथनी से मथें। इसके बाद दही को ब्‍लैंडर में डालें। ब्‍लैंड करने से आसानी से मक्‍खन निकल आता है। मक्‍खन को एक कटोरी में निकालें और उपर से मिश्री और पिस्‍ता बादाम डाल दें। अच्‍छे फ्लेवर के लिए आप इसमें केसर भी डाल सकती हैं।

आटे की पंजीरी

जन्‍माष्‍टमी के दिन प्रसाद के लिए बहुत सारे पकवान बनाए जाते हैं और आटे की पंजीरी उसमें से एक है। इसे बनाना बहुत ही आसान है, बस इसमें पड़ने वाली सामग्री और विधि का ध्‍यान रखा जाए तो यह बेहद स्‍वादिष्‍ट बनती है। एक कढ़ाई लें और उसमें घी डाल कर खरबूजे के बीज भून लें। हलके सुनहरे होने के बाद इन्‍हें निकाल कर अलग रख दें। इसके बाद फिर कढ़ाई में घी डालें और कटे हुए मेवे डाल कर तल लें। इसके बाद एक बार फिर कढ़ाई में घी डालें और आटा व सूखे धनिय को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक भूने। इसके बाद इसमें मेवा और खरबूजे के बीज डाल दें। सामग्री के ठंडा होने पर बूरा मिलाएं। इस तरह पंजीरी तैयार हो जाएगी। स्‍वाद के लिए आप इसमें पिसी हुई इलाइची भी मिला सकती हैं।

मखाना पाग

लड्डू गोपाल को मखना पाग मिठाई भी बहुत पसंद है। इसे बहुत ही आसानी से घर पर बनाया जा सकता है। मखाने के साथ आप अन्‍य मेवा को भी पाग सकती हैं। इसके लिए मखानों को देसी घी में अच्‍छे से तले। इसके बाद तीन तार की चाशनी बनाएं और उसमें मखानों को डुबो दें। तीन तार की चाशनी बहुत गाढ़ी होती है यह मखानों में आसानी से लिपट जाती है।

पंचामृत

जन्‍माष्‍टमी में पंचामृत का विशेष महत्‍व है। यह ऐसा प्रसान है जिससे लड्डू गोपाल को नेहलाया जाता है और उस पंचामृत को प्रसाद की तरह लोग पीते हैं। एक बर्तन में दही लें और अच्‍छे से फेंट लें। फिर इसमें दूध, शहद, गंगाजल और तुलसी डालें। इसके साथ ही इसमें मखाना, गरी, चिरोंजी, किशमिश और छुआरा जैसी मेवा डालें। अंत में थोड़ा सा घी डालें। पंचामृत तैयार हो जाएगा।

मखाने की खीर

लड्डू गोपाल को दूध, घी, मक्‍खन और मेवे से बने सारे पकवान बहुत पसंद है। इसलिए खीर भी लड्डू गोपाल का प्रसाद के तौर पर जन्‍माष्‍टमी के दिन चढ़ाई जाती है। सबसे पहले काजू और बादाम को महीन-महीने काटकर अलग रख लें। मखानों को महीन-महीन काट लें और फिर मिक्‍सी में दरदरा पीस ले। अब एक पैन से घी गरम करें उसमें मखानों को एक मिनट के लिए भून लें। फिर उसमें दूध डालकर उबालें। मखाने पूरी तरह गल जएं तो उसमें कटे हुए मेवे को डालें और फिर चीनी डालें। खीर तैयार होने पर उपर से पिसी हुई इलाइची डालें। 


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