Sharad Purnima: ठाकुर जी की बंशी पर रीझी आस्था की दुनिया, महारास पर झूमे भक्त Agra News
जन्मस्थान वृंदावन गोवर्धन में दर्शन की लगी रही होड़। शाम को महारास का आयोजन।
आगरा, जेएनएन। शरद पूर्णिमा पर रविवार को ठाकुर बांकेबिहारी ने मोर मुकुट, कटि कछनी, हीरे मोती और जवाहरातों का श्रंगार कर बांसुरी बजाई। इस अद्भुत छटा को निहारने को आस्था की दुनिया उनके आंगन में उमड़ती रही। शाम को नभ और थल पर खिल रहीं चंद्र की रश्मियों के बीच प्रमुख मंदिरों में महारास का आयोजन किया गया।
वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में देश-दुनिया से आए श्रद्धालु इस रसधार में अपने तन-मन को भिगाने के लिए उतावले थे। श्वेतांबर में ठा. बांकेबिहारी की अपलक झांकी को देख निहाल हो रहे थे। श्रद्धालुओं ने परिक्रमा भी लगाई। देर रात चंद्रमा की धवल चांदनी में ठाकुरजी दर्शन देते रहे। वृंदावन में राधाबल्लभ मंदिर, सप्तदेवालयों में भी ठाकुरजी ने महारास लीला स्वरूप में दर्शन दिए।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर चंद्रलोक सजाया गया। केशवदेव महाराज ने चंद्रलोक में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए।
इतराई चंद्र सरोवर की लहरें
आसमां से चांद ने शीतल चांदनी धरा पर बिखेरी तो महारास पर चंद्र सरोवर की लहरें भी मचल उठीं। दीपों की रोशनी से चंद्र सरोवर भी झिलमिला उठा। मंदिरों में प्रभु ने श्वेत वस्त्र धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद बांटा गया। बरसाना में चंद्रमा धवल रोशनी में बृषभानु नंदनी ने अपने भक्तों पर कृपा की बरसात की।