Shab-E-Barat: 28 मार्च की रात शब-ए-बारात, आगरा में नहीं होंगे जलसे
Shab-E-Barat पचकुइयां कब्रिस्तान में रातभर होता है जलसा दूसरे जिलों से आते हैं मौलाना। मुस्लिम समुदाय में शब-ए-बारात की तैयारी होने लगी है। इस रात को मौलाना तकरीर करके सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम (इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद) और अल्लाह के बारे में रोशनी डालेंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। शब-ए-बारात की रात को जिले में जगह-जगह जलसा होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस का बढ़ती रफ्तार ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। इस बार मुस्लिम समुदाय की इबादत में खलल पड़ेगी। जिले की मुस्लिम कमेटियों ने जलसा के कार्यक्रम निरस्त करने का निर्णय लिया है।
28 मार्च की रात शब-ए-बरात है। इस रात को मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान और मस्जिदों में पहुंचकर इबादत करते हैं। वहां मरहूमों की मगफिरत के लिए दुआ करते हैं। अगले दिन सुबह को मरहूमों की कब्र पर अगरबत्ती व फूल चढ़ाते हैं। मुस्लिम समुदाय में शब-ए-बारात की तैयारी होने लगी है। इस रात को मौलाना तकरीर करके सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम (इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद) और अल्लाह के बारे में रोशनी डालेंगे।
भीड़ से बचने की अपील
जिले का सबसे बड़ा कब्रिस्तान पचकुइयां में है। शब-ए-बारात की रात को यहां सबसे ज्यादा लोग दुआ करने पहुंचते हैं, लेकिन अब पचकुइयां कब्रिस्तान कमेटी ने कब्रिस्तान में भीड़ न जुटाने की अपील की है। इस संबंध में पोस्टर भी लगाए गए हैं।
ये है मान्यता
मौलाना के अनुसार शब-ए-बरात पर अल्लाह ताआला तमाम गुनाहगारों को जहन्नुम से निकालकर जन्नत में दाखिल कर देते हैं। अल्लाह ताआला शब-ए-बरात पर ही तमाम लोगों की किस्मत के फैसल करते हैं। उन्होंने बताया कि नबी करीम सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम (इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद) ने फरमाया कि शब-ए-बारात की इस पाक रात को अल्लाह ताआला जिंदगी के फैसले लिखते हैं। इसलिए मैं (इस्लाम के पैगंबर हजरत मोहम्मद) चाहता हूं कि जिस वक्त मेरी जिंदगी का फैसला लिखा जा रहा हो। उस वक्त मेरा सिर अल्लाह के सजदे में हो और मेरी जुबान पर भी अल्लाह का ही नाम हो। अब शब-ए-बारात को इसी तरह सारे मुसलमान पूरी रात इबादत करते हैं।