गलवान में भारतीय सैनिकों के जोश से हताश हुआ चीन
सेनाभ्यास एजूकेशनल सेंटर में हुई विचार गोष्ठी
आगरा, जागरण संवाददाता। चीन ने 20 अक्टूबर, 1962 को भारत पर हमला किया था। 14 नवंबर, 1962 को संसद में प्रस्ताव पारित किया गया था कि हम चीन से अपनी एक-एक इंच जमीन वापस लेकर रहेंगे, चाहे इसमें कितना भी समय क्यों नहीं लगे? सेनाभ्यास एजूकेशनल सेंटर में मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें तय हुआ कि उचित माध्यम से संसद में इस प्रस्ताव को उठवाया जाएगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने युद्ध के कारणों और सेनाभ्यास एजूकेशनल सेंटर के निदेशक तर्श वशिष्ठ ने वीर मेजर शैतान सिंह के बारे में जानकारी दी। शैतान सिंह को रेजागला की लड़ाई के लिए परमवीर चक्र मिला था। डा. रजनीश त्यागी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और वीके कृष्णा मेनन ने कभी यह नहीं सोचा था कि चीन भारत से युद्ध करेगा। रविंद्र पाल सिंह टिम्मा ने कहा कि गलवान में हमारे सैनिकों का जोश देखकर चीन हताश हो गया था। स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह, हिंदुस्तान कालेज के निदेशक डा. राजीव उपाध्याय, कर्नल जीएम खान, पवन सिंह, अतुल्य सरीन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।