बंदरों से निजात पाने को आदोलन छेड़ेंगे देहात इलाकों के लोग
कस्बावासी जुटाने लगे समर्थन, करेंगे तहसील का घेराव, देहात इलाकों में बंदर नहीं पकड़े जाने का कर रहे विरोध
मलपुरा (जेएनएन): कागारौल में बंदरों के उत्पात से दहशत में आए ग्रामीणों में तहसील प्रशासन के विरुद्ध रोष व्याप्त है। वे एकजुट होकर आंदोलन का मन बना रहे हैं।
कस्बा की भूरन देवी को सोमवार रात में बंदरों ने हमला कर जख्मी कर दिया था। अधिक खून बहने से उनकी मौत हो गई थी। कस्बे में बंदरों का लोगों पर हमला आम बात हो गई है, लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं। आक्रोशित लोग बंदर न पकड़वाने पर आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। बुधवार को युवा राहुल जोशी, सचिन गोयल, सुनील सोलंकी, सचिन बंसल, अनुज परमार, जगमोहन मंगल, अचल रावत ने कस्बावासियों से संपर्क साधा।
नहीं लिया प्रशासन ने सबक
बंदरों के हमले से वृद्धा की मौत के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया है। बुधवार को बंदरों को पकड़ने की कोई कवायद नहीं हुई। यही नहीं प्रशासन ने मृतका के परिजनों से घटना की जानकारी लेना भी उचित नहीं समझा।
सात्वना देने वालों का लगा ताता
भूरन देवी की मौत के बाद कागारौल के अलावा आसपास के गावों से बड़ी संख्या में ग्रामीण मृतका के घर पहुंचे। परिजनों को सांत्वना दी।
बंदरों के खौफ से सहमे बच्चे, परिजन सावधान
संसू, रुनकता: बीते सोमवार को बच्चे की मौत के बाद से क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। बच्चे डरे-सहमे हैं और घरों में कैद हैं। परिजन बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। बुधवार को अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया।
कम दिखाई दिए बंदर
अबोध की मौत के बाद गुस्साए युवकों ने मंगलवार सुबह डंडे-लाठी लेकर बंदरों को खदेड़ दिया था। बुधवार को इक्का-दुक्का बंदर ही नजर आया।
फतेहाबाद में भी बंदरों का आतंक
फतेहाबाद: कस्बा में बंदरों की टोलियां दिनभर उत्पात मचाए रहती हैं। घरों से लेकर छतों पर रखा सामान पलक झपकते उठा ले जाते हैं। बड़ों की निगरानी में ही बच्चे बाहर निकलते हैं। थैले में रखी फल और खाने पीने की चीजें को झपटटा मारकर ले जाते हैं। प्रशासन को प्रार्थना पत्र देने के बाद भी बंदर नहीं पकड़े गए।