Land Scam: इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल की जमीन खरीद में हुआ खेल, फंसेगी कइयों की गर्दन
Land Scam एडीएम सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच पूरी कर डीएम को भेजी रिपोर्ट। जमीन के स्थल में बदलाव अधिक किया गया भुगतान अफसर व कर्मचारी फंसे।
आगरा, जागरण संवाददाता। इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल की जमीन में खेल हुआ है। यह तीसरी जांच है जिसमें अफसर और कर्मचारी दोषी पाए गए हैं। जमीन के स्थल में बदलाव कर दिया गया है, जबकि अधिक मुआवजा दे दिया गया है। यह पर्दाफाश एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी और सिटी मजिस्ट्रेट अरुण कुमार की जांच में हुआ है। नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए इनर रिंग रोड बन रहा है। तीन में से पहले चरण का कार्य पूरा हो गया है। पहला चरण हाईवे से लेकर फतेहाबाद रोड तक है। इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल की जमीन की खरीद में खेल हुआ। अब तक दो बार इसकी जांच हो चुकी हैं इसमें संबंधित अफसरों व कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। आठ माह पूर्व इसकी शिकायत डीएम से की गई थी। डीएम ने संयुक्त कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए। जांच में पाया गया कि तहसील स्तर से तत्कालीन लेखपाल, राजस्व निरीक्षक ने गलत आख्या दी है। इसी के चलते अवार्ड कर प्रतिकर का भुगतान किया गया।
किसान से हो वसूली
जांच रिपोर्ट में रहनकलां की गाटा संख्या 621 में 22 लाख रुपये अधिक का भुगतान किया गया है। इसकी वसूली किसान से होनी चाहिए।
- गुतिला, गंगरुआ, बरौली अहीर, देवरी के जिन किसानों को नोटिस जारी किया गया। उसमें तारीख नहीं अंकित है।
- कब्जे के पूर्व 80 फीसद अग्रिम प्रतिकर देने को लेकर विधिवत नोटिस नहीं दी गई।
- रायपुर में 11 ऐसे करार हैं जो रोड के किनारे की दर 1258 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर का उल्लेख किया गया है।
- पांच ऐसे करार पत्र हैं जिसमें दर 845 रुपये प्रति वर्ग मीटर का उल्लेख है।
- रायपुर और रहनकलां में 30 ऐसे करार पत्र हैं जिसमें रोड किनारे की दूरी का उल्लेख किया गया था लेकिन इनका भुगतान रोड के अंदर स्थित भूखंड की दर से किया गया।
- प्रभावित किसानों को प्रतिकर का भुगतान न मिल पाने के कारण विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने अनुपूरक अवार्ड के माध्यम से अंतर की धनराशि का भुगतान किया।
- रहनकलां के गाटा संख्या 621 का अधिग्रहण हुआ, जबकि रायपुर के गाटा संख्या 933 रोड का अधिग्रहण नहीं हुआ। यह दाेनों गाटा संख्या रोड के किनारे नहीं हैं लेकिन 1288 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से किसानों को भुगतान किया गया है। यह बहुत अधिक है। इस तरह से 22 लाख और 18 लाख रुपये का भुगतान किया गया। यानी कुल 40 लाख रुपये का अतिरक्त भुगतान हुआ है।