Inner Ring Road Scam: आगरा में इनर रिंग रोड की जमीन खरीद में खेल, आठ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई
एडीए के छह और यूपीएसआइडीए के दो कर्मचारी शामिल। दैनिक जागरण की खबरों पर लगी मुहर। अपूर्ण करार पत्रों में भी हो गया भुगतान। एडीए उपाध्यक्ष ने मंडलायुक्त को की विभागीय कार्रवाई की संस्तुति। कमिश्नर से की थी किसान नेता ने शिकायत।
आगरा, जागरण संवाददाता। इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल योजना की जमीन खरीद में खेल हुआ है। रोड से जमीन दूर होने, अपूर्ण करार पत्रों के होने सहित अन्य में किसानों को भुगतान कर दिया गया। यहां तक भूमि की दर का निर्धारण डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी के बदले विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलओ) कार्यालय द्वारा किया गया। दैनिक जागरण की खबरों पर मुहर लग गई। खेल में आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के छह अमीन और उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआइडीए) के दो कर्मचारी शामिल हैं। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने सभी के खिलाफ मंडलायुक्त अमित गुप्ता को विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।
नेशनल हाईवे-19 को ग्वालियर रोड से जोड़ने के लिए 26 किमी लंबा इनर रिंग रोड बन रहा है। तीन चरण में बनने वाली रोड का पहला चरण वर्ष 2016 में बन गया था जबकि दूसरा चरण निर्माणाधीन है। तीसरे चरण की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इनर रिंग रोड और लैंड पार्सल योजना के लिए एक हजार हेक्टेअर जमीन की खरीद हुई थी। यह खरीद वर्ष 2011 से 2013 तक हुई। इसमें एडीए की 568 और यूपीएसआइडीए की 432 हेक्टेअर जमीन है। तत्कालीन एसएलओ जेपी सिंह की देखरेख में जमीन खरीद हुई। तीन माह पूर्व किसान नेता श्याम सिंह ने मंडलायुक्त अमित गुप्ता को ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की। एडीए उपाध्यक्ष डा. राजेंद्र पैंसिया ने जांच के आदेश दिए। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट दी। एडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि अमीन बंगाली बाबू शर्मा, होतम सिंह, राजीव शर्मा, लक्ष्मी नारायण, जितेंद्र कुमार, इंद्रपाल सिंह और यूपीएसआइडीए के दो कर्मचारी दोषी मिले हैं। आठ कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए कहा गया है।
लेखपाल और कानूनगो भी फंसेंगे
इनर रिंग रोड की जमीन खरीद में तहसील सदर और एत्मादपुर के तत्कालीन लेखपाल और कानूनगो भी फंसेंगे, जिन्होंने करार के पत्रों का सही तरीके से सत्यापन नहीं किया।
धन्यवाद जागरण, खेल का किया पर्दाफाश
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने चार साल के भीतर प्रशासनिक अफसरों से 55 शिकायतें की हैं। यह शिकायतें संपूर्ण समाधान दिवस से लेकर अन्य में की गईं। हर शिकायत की जांच के आदेश दिए गए। एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने दो बार, एडीएम सिटी डा. प्रभाकांत अवस्थी और पूर्व एडीएम प्रशासन राजेश कुमार ने एक-एक बार जांच की। श्याम सिंह ने बताया कि सूचना का अधिकार में सूचनाएं मांगी गईं लेकिन अधिकांश में सूचनाएं देने से इन्कार कर दिया गया। कुछ में सूचना आधी अधूरी दी गई। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण ने घोटाले का पर्दाफाश किया। इसके लिए जागरण को धन्यवाद। वहीं कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों के नाम घोषित करने पर जोर दिया।