कुएं में सबमर्सिबल डालकर कर रहे जरूरतें पूरी
2019 के लोकसभा चुनाव में ग्रामीणों ने नहीं दिया था एक भी वोट एकमात्र चौकीदार से कराई गई थी वोटिंग
जागरण टीम, आगरा। खारे पानी की समस्या से आजिज मंगोली कलां के ग्रामीणों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग नहीं की। इसके बावजूद उनकी समस्या का अब तक समाधान नहीं हुआ है। हालांकि यह फैसला लोकतंत्र में कतई उचित नहीं कहा जा सकता। आलम यह है कि गांव के एक कुएं को ग्रामीणों ने वाटरवर्क्स बना दिया है। 30-35 लोगों ने कुएं में ही सबमर्सिबल पाइप डाल दिए हैं। इस पानी का उपयोग नहाने और सफाई के लिए ही किया जाता है। पीने का पानी लोगों को मोल खरीदना पड़ रहा है।
ब्लाक कार्यालय से 14 किलोमीटर दूर राजस्थान सीमा से लगे गांव मंगोली कला में 800 मतदाता हैं। गांव में खारा पानी बड़ा मुद्दा है। 18 अप्रैल 2019 को हुए चुनाव में लोगों ने मतदान से इन्कार कर दिया। पूरे गांव से शाम तक एक भी वोट न पड़ा तो एकमात्र चौकीदार से एक वोट डलवाया गया। ग्रामीण कहते हैं कि तब अधिकारियों, नेताओं ने कहा था कि जल्द इस समस्या का समाधान कराएंगे। आज भी यह समस्या मुंह बाएं खड़ी है। पीने का पानी मोल खरीदना पड़ रहा है। लोग कहते हैं कि पानी जैसी मूलभूत जरूरत का काम तत्काल कराया जाना चाहिए। मौजूदा विधायक और राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने बताया कि फतेहपुर सीकरी ब्लाक को जल शक्ति मंत्रालय की हर घर नल योजना से जोड़ लिया गया है। जल्द ही क्षेत्र के लेागों की खारे पानी संबंधी समस्या का समाधान हो जाएगा। 20 बरस पहले गांव के कुएं का पानी मीठा था। अब निरंतर जलस्तर गिरा है। हैंडपंप व सबमर्सिबल काम नहीं कर रहीं। पानी खरीदना पड़ रहा है।
हुबलाल जाटव खेतों में बोरिग कराया जाए, गांव में पानी की बड़ी टंकी बनवाई जाए तो मंगोली कलां के साथी पड़ोसी गांवों को भी मीठा पानी मिलता है। कई बार शिकायतें की गई हैं।
पंडित सुरेश चंद कुएं में सबमर्सिबल डालकर घरों तक पानी ले जाना पड़ रहा है। यह नहाने और अन्य दैनिक जरूरत के काम में उपयोग होता है। पीने के लिए पानी खरीद रहे हैं।
गोरेलाल शर्मा जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा गांव के लोग भुगत रहे हैं। टीटीएसपी टंकी का निर्माण हो जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा।
जसवंत सिंह