बटेश्वर मंदिर में भोले बाबा के दर्शन को साधु-संत हो रहे बेचैन
प्रशासन से मांगी दर्शन पूजन की अनुमति कोरोना काल में बंद ब्रह्मलालजी मंदिर के पट
जेएनएन, आगरा। कोरोना संक्रमण के कहर ने संतों व श्रद्धालुओं को अपने आराध्य भोलेनाथ के दर्शन को छह माह से तरसा दिया है। अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है। संत, महात्मा व श्रद्धालुओं ने मांग की है कि जल्द ही ब्रह्मलाल जी मंदिर में दर्शन की अनुमति स्थानीय व जिला प्रशासन प्रदान करे।
तीर्थ बटेश्वर का अपना गौरवशाली इतिहास है। यह नगरी धार्मिक, एतिहासिक है। उल्टी बहती यमुना और उसके बांध पर बनी 101 महादेव मंदिरों की श्रंखला अपने आप में अजूबा है। मुख्य मंदिर ब्रह्मलालजी है, उसके पास ही गौरीशंकर मंदिर, पंच मुखेश्वर मंदिर हैं। यहां पर हर दिन दूरदराज क्षेत्रों के अलावा देश-विदेश के पर्यटकों का आना-जाना रहता है। कोरोना काल को करीब छह महीने होने को आए, श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान भोले के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। परमार्थ धाम बटेश्वर के अध्यक्ष पं. बृजेश शास्त्री सहित अन्य संत, महात्माओं ने स्थानीय व जिला प्रशासन से मांग की कि उन्हें मंदिर में दर्शन की अनुमति दी जाए। सभी मिलकर मंदिरों में कोरोना वायरस से बचाव के पुख्ता इंतजाम करेंगे। मंदिर के कपाट बंद होने से हर रोज आने वाले श्रद्धालु मायूस होकर लौट रहे हैं।