Ayodhya Case: साध्वी ऋतंभरा बोलीं, मेरे जीवन का उद्देश्य पूरा हुआ Agra News
साध्वी में वृंदावन में कहा हार है न जीत ये सत्य की स्थापना है। राम हमारे पुरखे उनसे जुड़कर होगा कल्याण।
आगरा, विनीत मिश्र। मंदिर आंदोलन को लेकर अग्रिम पंक्ति में खड़ी रहीं साध्वी ऋतंभरा के लिए ये क्षण बेहद खुशी देने वाला था। जिसके लिए आंदोलन चलाया, वर्षों इंतजार किया, जब वह घड़ी आई तो खुशी भी लाजिमी थी। बोलीं, जीवन का उद्देश्य पूरा हो गया।
अदालत के निर्णय के दौरान दिल्ली प्रवास पर साध्वी ऋतंभरा ने जागरण से दूरभाष पर विशेष बातचीत में कहा कि बहुत आनंदित हूं। ये सत्य की जीत है। इतना बड़ा परिश्रम, इतना बड़ा तप प्रभु राम की कृपा से ही ये संभव हो पाया। प्रभु राम की कृपा से भव्य मंदिर के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ है। मैं रामलला को बधाई देती हूं, आज रामलला सारे पक्ष में से ऐसे उभरे हैं। आप देखो आज दिल्ली में न धुंध है न कोहरा है,न किसी तरह का कोई कुहासा। सूर्यनारायण आसमान में आज चमक रहे हैं। सूर्यवंशी रामलला के भव्य मंदिर बनने की प्रशस्ति में सूर्यनारायण भी आज साक्षी बने हैं। उन्होंने देशवासियों और विश्वभर में बसे रामभक्तों को बधाई दी। कहा कि अपनी प्रसन्नता और खुशी का इजहार तो करें, लेकिन ये खुशी उन्माद नहीं बननी चाहिए। कहा कि मुस्लिम समाज से भी निवेदन करती हूं कि हमारे पुरखे प्रभु राम ही हैं, उन्हीं से जुड़कर हमारा कल्याण होगा। ये न जीत है और न हार है, ये सत्य की स्थापना है। इसके लिए हमारे पुरखों ने बड़ी लंबी लड़ाई लड़ी। हमारे सामने इतना बड़ा संघर्ष हुआ। मैं तो इस संघर्ष की साक्षी भी रही हूं। मेरे जीवन का उद्देश्य पूरा हुआ। मैं धन्य हो गई, कृतार्थ हो गई।