जांच में हंगामा तो असलहा आएगा हाथ तो कैसे होंगे हालात, प्रोफेसर ने भांप ली मंशा
अस्पताल में आवेदकों ने गुरुवार को की थी तोडफ़ोड़। मनोविज्ञान के विशेषज्ञ ने आवेदकों के परीक्षण से जोड़े हाथ।
आगरा [जिज्ञासु वशिष्ठ]: हथियार लेने के आवेदकों ने गुरुवार को फीरोजाबाद के जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। तोडफ़ोड़ की थी। आवेदकों की मनोदशा का परीक्षण करने के लिए अधिकृत मनोविज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर ने इसी हंगामा को टेस्ट मान लिया। ऐसे आवेदकों के परीक्षण से ही ये कहते हुए हाथ जोड़ लिए कि अस्पताल में तो तमाम इंतजाम हैं, हमारे कॉलेज में तो कुछ भी नहीं। यहां हंगामा हुआ तो हम कुछ न कर पाएंगे।
हथियार के लाइसेंस देने से पहले आवेदकों का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है। मकसद ये है कि जल्द गुस्सा आने और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के हाथ में हथियार न जाने पाए। इसके लिए प्रशासन ने एसआरके महाविद्यालय के मनोविज्ञान प्रवक्ता डॉ.एबी चौबे को अधिकृत किया है। गुरुवार को कुछ आवेदक उनके पास कॉलेज में पहुंचे, मगर डा. चौबे ने अगले दिन के लिए टाल दिया था। इसके बाद दोपहर में इन्हीं आवेदकों ने ईसीजी जांच में देरी होने पर हंगामा कर दिया। तोडफ़ोड़ कर दी। इसकी जानकारी होते ही डॉ.चौबे ने मनोदशा के परीक्षण से ही इन्कार कर दिया।
वैसे तो डा. चौबे ने बताया कि कॉलेज में जांच के इंतजाम नहीं हैं। इसलिए इन्कार कर दिया। मगर, जानकार कहते हैं कि अस्पताल में तोडफ़ोड़ की सुन उनका माथा ठनक गया। उन्हें आशंका है कि जिला अस्पताल की तरह, कॉलेज में भी हंगामा न हो जाए। आवेदक आगरा मानसिक स्वास्थ्य संस्थान गए तो वहां से दिल्ली या आगरा का रास्ता बता दिया।
ये होने हैं टेस्ट
रोर्शा: धब्बेनुमा फोटो दिखाकर आकृति के संबंध में पूछताछ। इसके आधार पर अवचेतन मस्तिष्क में छिपे हुए व्यक्तित्व की जांच। स्वभाव गुस्सैल है या फिर शांतिप्रिय आदि।
इंटेलीजेंस टेस्ट : साक्षरों से किताब पढ़वाई जाती है तो निरक्षरों को फोटो दिखाए जाते हैं। इसके जरिए बुद्धिलब्धि की जांच होती है।
व्यक्तित्व जांच : सवालों और बातचीत के जरिए बाहरी व्यक्तित्व की 16 बिदुओं पर जांच होती है।