लॉकडाउन और अनलॉक में पिस गया आम इंसान, होना चाहिए कुछ इंतजाम
राष्ट्रीय लोकदल ने किसान मजदूरों की समस्याओं को लेकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेजा ज्ञापन। प्रभावी तौर पर हो मदद।
आगरा, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक झटके मेंं देशभर में किेए गए लॉकडाउन में फंसकर करोड़ों गरीब, मजदूर और किसान बर्बाद हो गए। न घर के रहे और न घाट के। अप्रवासी मजदूरोंं ने सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय कर डाला। न लॉकडाउन से कोरोना का संक्रमण रुका और न अनलॉक में रूक रहा है। रुकींं तो आर्थिक गतिविधियां। इन सब ने लोगों के मुंह से दो वक्त का निवाला तक छीन लिया है। राष्ट्रीय लोकदल ने इस वर्ग के लिए राहत भरे कदम उठाए जाने की मांग राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से की है।
राष्ट्रीय लोकदल पदाधिकारियों ने किसान- मजदूर समस्याओं को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एसीएम को सौंपा। ज्ञापन में राष्ट्रीय लोकदल ने राज्यपाल से मांग की है कि प्रदेश में दिन रोज किसानों की स्थिति दयनीय होती जा रही है अतः किसानों को फौरन सहायता देकर उनकी मदद की जाए और प्रदेश के मुख्यमंत्री को निर्देशित कर ज्ञापन में उठाई गई मांगों पर निर्देशित करने का कष्ट करें। ज्ञापन में राष्ट्रीय लोकदल नेताओं ने मांग की है कि किसानों को तुरंत 24000 प्रति किसान के हिसाब से राहत पैकेज देकर किसानों को मदद दी जाए। किसानों के हर तरह के कृषि ऋण माफ किए जाएं व तीन माह के बिजली के बिल किसानों-मजदूरों व छोटे व्यापारियों के माफ किए जाएं। समस्त शिक्षण संस्थानों में तीन-तीन माह की स्कूलों की फीस माफ की जाए और राशन का वितरण बिना भेदभाव के कराया जाए। यह अक्सर देखने में आ रहा है कि सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही राशन की किटों का भाजपा के जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता अपनी मोहर लगाकर वितरण कर रहे हैं, जो कि सरकारी धन का राजनीतिकरण करना है।
ज्ञापन में राष्ट्रीय लोक दल नेताओं ने राज्यपाल से मांग की है कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की तरह दुग्ध उत्पादक किसानों के लिए दूध का भी समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। राष्ट्रीय लोकदल ने गाय का दूध 35 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 45 रुपये प्रति लीटर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है। रालोद नेताओं ने कहा है कि लॉकडाउन में दुग्ध उत्पादक किसानों ने लंबा घाटा सहा है और 17 रुपये प्रति लीटर गाय का दूध 22 रुपये प्रति लीटर भैंस का दूध बेचने पर मजबूर हुए हैं, जिससे भैंस के खाने का खर्चा और आदमी की मेहनत तक भी नहीं निकली है। अतः दूध का समर्थन मूल्य घोषित किए जाने की आवश्यकता है। ज्ञापन देने वालों में जिला अध्यक्ष मालती चौधरी, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर, पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र बघेल, पूर्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव लोचन चौधरी, जयपाल सिह खिरवार, किसान प्रकोष्ठ के चौधरी बच्चू सिंह, उदय पाल राणा, ऋषिकेश राणा, महेंद्र सिंह फौजदार, वीर फौजदार, जगबीर सिंह, अजय चाहर आदि उपस्थित थे।