तो अब बदल जाएगी आगरा में डूब क्षेत्र की परिभाषा, आपत्ति है किसी को तो यहां करें शिकायत
झंझट खत्म नदी के 200 मीटर तक होगा डूब क्षेत्र। दयालबाग से ताजमहल के पार्श्व तक विकसित होगा रिवर फ्रंट। 150 हेक्टेअर का क्षेत्र किया जाएगा रिजर्व नहीं होगा कोई निर्माण। एक्सप्रेस वे की तर्ज पर नेशनल हाईवे और राज्यस्तरीय हाईवे के किनारे फैसिलिटी जोन विकसित किए जाएंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना नदी के 200 मीटर तक अब डूब क्षेत्र शामिल होगा। इसे ग्रीन बेल्ट मानते हुए इस पर किसी तरीके का कोई निर्माण नहीं हो सकेगा। अगर निर्माण किया जाता है तो संबंधित बिल्डर या फिर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दयालबाग से ताजमहल के पार्श्व तक रिवर फ्रंट विकसित होगा। इसके दायरे में 150 हेक्टेअर का क्षेत्र आएगा। जहां किसी तरीके का कोई निर्माण नहीं होगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में वर्ष 2014 में दयालबाग के 24 प्राेजेक्ट को लेकर वाद दायर हुआ था। डेढ़ साल पूर्व कोर्ट ने केस का निस्तारण करते हुए नौ प्रोजेक्ट में डूब क्षेत्र में आ रहे हिस्से को तोड़ने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने राज्य सरकार से डूब क्षेत्र में निर्माण को रोकने के आदेश दिए थे। इसे आगरा महायोजना-2031 में शामिल किया गया। मुख्य नगर नियोजक आरके सिंह ने बताया कि 200 मीटर के दायरे में कोई नक्शा पास नहीं होगा। अगर बिना नक्शा के निर्माण कराया जाता है तो उसे अवैध निर्माण मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
विकसित होंगे हाईवे फैसिलिटी जोन
मुख्य नगर नियोजक आरके सिंह ने बताया कि एक्सप्रेस वे की तर्ज पर नेशनल हाईवे और राज्यस्तरीय हाईवे के किनारे फैसिलिटी जोन विकसित किए जाएंगे। इससे वाहन चालकों को सुविधाएं मिल सकेंगी।
इन कार्यालयों में दर्ज हो सकती हैं आपत्तियां
नगर निगम, एडीए कार्यालय, कलक्ट्रेट, तहसील सदर और कमिश्नरी। इन सभी कार्यालयों में एडीए टीम ने नक्शा चस्पा किया है। 19 फरवरी तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं।
- आगरा महायोजना-2031 को लेकर 19 फरवरी तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। जो भी आपत्तियां प्राप्त होंगी। फरवरी के अंतिम सप्ताह में उनका निस्तारण कराया जाएगा।
अमित गुप्ता, मंडलायुक्त