RIP Dilip Kumar: आगरा की यादों में बसे हैं ट्रेजडी किंग, दिल के नजदीक थे ताजनगरी में बिताए लम्हे
RIP Dilip Kumar बहुत गहरा था दिलीप कुमार और आगरा का नाता। ताजमहल में दिलीप कुमार पर फिल्माया गया था गाना इक शहंशाह ने बनवाके हसीं ताजमहल। बैजयंती माला के साथ की थी फिल्म लीडर की शूटिंग। विधाता की शूटिंग को भी आगरा आए थे ट्रेजडी किंग।
आगरा, जागरण संवाददाता। बालीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार का निधन बुधवार सुबह हो गया। ताजनगरी और ताजमहल से भी उनकी हसीं यादें जुड़ी हुई हैं। फिल्म 'लीडर' और 'विधाता' की शूटिंग को दिलीप कुमार आगरा आए थे। ताजमहल में तो उनके ऊपर फिल्म 'लीडर' का लोकप्रिय गीत 'इक शहंशाह ने बनवाके हसीं ताजमहल, सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है...' फिल्माया गया था।
बालीवुड फिल्म 'लीडर' वर्ष 1964 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म की शूटिंग आगरा में हुई थी। इसकी शूटिंग के लिए दिलीप कुमार और बैजयंती माला आगरा आए थे। फिल्म में दिलीप कुमार और बैजयंती माला के ऊपर ताजमहल में गीत फिल्माया गया था। मुख्य मकबरे, गार्डन व पाथवे पर दोनों पर दृश्य फिल्माए गए थे। कपड़ा व्यवसायी रामबाबू गुप्ता ने बताया कि वो दिलीप कुमार के बड़े फैन हैं। 'लीडर' की शूटिंग उन्होंने शहर में देखी थी। ताजमहल पर फिल्म का गाना शूट हुआ था। उस दौरान तो दिलीप साहब सिर्फ ताजमहल से ही वापस चले गए थे लेकिन दिलीप कुमार वर्ष 1982 में रिलीज हुई फिल्म 'विधाता' की शूटिंग को भी आगरा आए थे। तब उनके साथ सायरा बानो भी आई थीं। अभिनेता संजय दत्त, अमरीश पुरी, सुभाष घई समेत वो होटल मुगल शेरेटन (वर्तमान में आइटीसी मुगल) में रुके थे। फिल्म की शूटिंग को सभी 25 से 30 दिन तक आगरा में रहे थे।
गजल गायक सुधीर नारायन बताते हैं कि उस समय उनके करियर का शुरुआती दौर था। होटल मुगल में सजी गीत-संगीत की महफिल देर रात 3:30 बजे तक चली थी। दिलीप कुमार ने भी गीत सुनाए थे और उनकी गजल गायकी को सराहते हुए काफिया और गजल के बारे में जानकारी दी थी। वो कंप्लीट आर्टिस्ट थे और उन्हें संगीत और भाषा की अच्छी जानकारी थी। उर्दू और अंग्रेजी का उनका भाषा ज्ञान जबरदस्त था।
जब दिलीप कुमार ने उठाई थी कुर्सी
सुधीर नारायन बताते हैं कि फिल्म 'विधाता' की शूटिंग के दौरान ट्रेवल ट्रेड से जुड़े राजकुमार कासलीवाल ने एक कार्यक्रम कराया था। इसमें उन्होंने दो घंटे तक प्रस्तुति दी थी। इस दौरान लोग दिलीप कुमार और सायरा बानो के पास जाकर फोटो कराने और आटोग्राफ देने का आग्रह कर रहे थे। इससे वो परेशान हो गए थे। अंत में दिलीप कुमार और सायरा बानो स्वयं कुर्सी उठाकर स्टेज के सामने उनके पास ले आए थे। वहीं, 90 के दशक में राजघाट पर नेहरू युवा केंद्र द्वारा कराए गए कार्यक्रम में भी उन्हें दिलीप कुमार के समक्ष प्रस्तुति देने का मौका मिला था। दो घंटे की प्रस्तुति के बाद उन्होंने मुझसे विजिटिंग कार्ड मांगा था।
नजीर की शायारी के कायल थे दिलीप साहब
टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा के पूर्व अध्यक्ष अरुण डंग बताते हैं कि दिलीप साहब अभिनय ही नहीं, अदबी दुनिया के भी बेताज़ बादशाह थे।
विधाता फिल्म की शूटिंग के दरम्यान जब वह आगरा में एक माह रहे थे तो लगभग हर दिन मुलाकात हुई। मीर, ग़ालिब ही नहीं नजीर अकबराबादी की शायरी के भी वाे कायल थे। उनकी चाहत पर जब मैंने नजीर पर एक किताब दी तो वह खिल उठे। बोले आगरा आकर नजीर नहीं पढ़ा तो क्या पढ़ा..।