Effect of Lockdown: मार्च से अगस्त तक रेस्तरां बंद, 5000 परिवारों के आगे रोटी का खड़ा सवाल
Effect of Lockdown रेस्टोरेंट व कैफे संचालकों ने नियमित संचालन की मांग की। पांच हजार परिवारों के सामने भरण-पोषण का है संकट।
आगरा, जागरण संवाददाता। मार्च से लेकर अगस्त आ गया। ताजनगरी के रेस्तरां और कैफे लगातार बंद चले आ रहे हैं। इनमें कार्यरत स्टाफ को अगर देखें तो तकरीबन 5000 परिवार प्रभावित हैं। इनके परिवार कैसे गुजारा कर रहे हैं, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा रहा। देश के दूसरे शहरों में नियम शर्तों के साथ रेस्टोरेंट खोल दिए गए, जबकि वहां आगरा की तुलना में केसों की संख्या बहुत ज्यादा है। लेकिन आगरा में प्रशासन ने इन्हें खोलने की अनुमति नहीं दी है। रेस्टोरेंट और कैफे संचालकों ने बुधवार को नियमित संचालन की मांग को लेकर सांसद एसपी सिंह बघेल से उनके साकेत कॉलोनी स्थित आवास पर मुलाकात की। कोविड-19 काल में यथासंभव कर्मचारियों व शासन के सहयोग की बात करते हुए उन्होंने स्थितियों के विषम होने से अनिश्चित काल तक पांच हजार से अधिक परिवारों के भरण-पोषण में असमर्थता जताई। सीधे तौर पर कहा गया कि कोरोना से नहीं लोग आर्थिक तंगी से मर जाएंगे।
रेस्टोरेंट एवं कैफे एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि 22 मार्च से रेस्टोरेंट व कैफे बंद होने से सभी की आजीविका पर संकट है। ताजनगरी के पर्यटन उद्योग की रीढ़ टूटने के कगार पर है। यदि शासन का सहयोग नहीं मिला तो बहुत से रेस्टोरेंट और कैफे बंद हो जाएंगे। अन्य शहरों में आगरा से विकट परिस्थिति में भी रेस्टोरेंट खुल रहे हैं। आगरा में रेस्टोरेंट को होम डिलीवरी की ही अनुमति है, कैफे बंद हैं। एसोसएिशन द्वारा सांसद से प्रशासन से वार्ता करने की मांग की गई। राजेश सबलोक, तन्मय गुप्ता, एस. नारंग, रितेश ओबराय, अमर गुप्ता, सुशांत अरोड़ा, गोविंद अग्रवाल, वरुण मित्तल, अनुज खंडेलवाल, वेदपाल धर, शिवम शर्मा मौजूद रहे।