400 वर्ष पुराने मदन मोहन मंदिर की हो रही कायाकल्प, इन कार्यों से बदल जाएगी सूरत Agra News
मदन मोहन मंदिर के पत्थर क्रेक। बदली जा रही छत। 45 लाख का बनाया गया है प्रस्ताव। 20 मीटर ऊंची है मंदिर की छत।
आगरा, जेएनएन। एक बार फिर मदन मोहन मंदिर अपने पुराने स्वरूप में देखने को मिलेगा। मंदिर के बीच बीच में से टूटे पत्थर बदलने का काम शुरू हो गया है। जर्जर हो चुकी छत भी पूरी तरह से बदली जा रही है। मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए पुरातत्व विभाग ने करीब 45 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत कार्य शुरू हो गया है, जो मार्च 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है।
वृंदावन का मदन मोहन मंदिर 1500 ई. वर्ष का है। चार सौ से अधिक वर्ष पुराना मंदिर होने की वजह से उसके जगह-जगह पत्थर क्रेक हो गए हैं। मंदिर की छत के साथ साथ चारों ओर बने दीवार रूपी परकोटा भी जर्जर हो चुका है। मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग की है। चार सौ वर्ष से अधिक पुराना मंदिर होने की वजह से मंदिर का जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है। मंदिर के जगमोहन, कचहरी के साथ साथ आसपास फर्श भी तैयार किया जा रहा है। जहां दीवार बहुत ज्यादा जर्जर है, वहां पर प्लास्टर भी किया जाएगा।
परिक्रमा मार्ग पर कराया इंटरलॉकिंग
परिक्रमा मार्ग से मदन मोहन मंदिर तक का रास्ता कच्चा होने की वजह से अक्सर बारिश होने पर पानी भर जाता था। इससे लोग मंदिर नहीं पहुंच पाते थे, जिसको लेकर अब परिक्रमा मार्ग से मंदिर तक इंटरलॉकिंग का भी कार्य कराया जा रहा है।
चार मंदिरों की देखरेख कर रहा पुरातत्व विभाग
पुरातत्व विभाग के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मदन मोहन मंदिर के अलावा राधावल्लभ मंदिर, गोविंद देव मंदिर, जुगलकिशोर मंदिर की देखरेख पुरातत्व विभाग की है।
मार्च 2020 तक हो जाएगा कार्य पूर्ण
मंदिर की छत बदलने का काम शुरू हो गया है। करीब 45 लाख रुपये के प्रस्ताव तैयार किया गया है। मार्च 2020 तक कार्य पूरा होने की उम्मीद है।
रामरतन, वरिष्ठ संरक्षण सहायक, मथुरा