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आगरा में रीजनल लेवल गाइडों को मंजूर नहीं फेसिलिटेटर बनना, वजह है ये

एमओटी कर रहा है इंक्रेडिबल इंडिया टूरिस्ट फेसिलिटेटर के रूप में रिफ्रेशर कोर्स करने को बाध्य। गाइड रिफ्रेशर कोर्स करने को तैयार हैं लेकिन फेसिलिटेटर के रूप में नहीं करना चाहते हैं कोर्स। दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है गाइडों की याचिका लाइसेंस रिन्यू करने को मांगी जा रही अंडरटेकिंग।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 12:19 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 12:19 PM (IST)
आगरा में रीजनल लेवल गाइडों को मंजूर नहीं फेसिलिटेटर बनना, वजह है ये
आगरा के रीजनल लेवल गाइड फेसिलिटेटर बनने के पक्षधर नहीं हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में 15 माह से अधिक समय से खाली बैठे रीजनल लेवल गाइडों को सरकार से कोई सहायता तो मिली नहीं, लेकिन केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय (एमओटी) ने उनके लिए परेशानी खड़ा कर दी है। उनके लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जा रहे हैं। उन्हें इंक्रेडिबल इंडिया टूरिस्ट फेसिलिटेटर के रूप में रिफ्रेशर कोर्स करने को दबाव बनाया जा रहा है, जबकि रीजनल लेवल गाइडों को यह बात मंजूर नहीं है।

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एमओटी ने 18 जून को रीजनल लेवल गाइडों को इंक्रेडिबल इंडिया टूरिस्ट फेसिलिटेटर के रूप में 30 सितंबर से पूर्व रिफ्रेशर कोर्स करने को अंडरटेकिंग देने को कहा है। इसके बाद ही उनके लाइसेंस 30 सितंबर तक के लिए रिन्यू किए जाएंगे। गाइडों को एमओटी का दबाव बनाने का रवैया पसंद नहीं आ रहा है। आगरा में 400 से अधिक रीजनल लेवल गाइड हैं। टूरिस्ट गाइड फेडरेशन आफ इंडिया (टीजीएफआइ) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि एमओटी ने मार्च, 2020 में आदेश जारी करते हुए रीजनल लेवल गाइडों की 70 फीसद बातें मान ली थीं। अब नए आदेश में रीजनल लेवल गाइडों को इंक्रेडिबल इंडिया टूरिस्ट गाइड बनाया जाएगा। रीजनल लेवल गाइड चार जोन ईस्ट, वेस्ट, नोर्थ और साउथ में बंटे हुए हैं। एमओटी उन्हें पैन इंडिया गाइड बनाने की बात कर रहा है, जिससे वो सभी क्षेत्रों में काम कर सकेंगे। इसके नुकसान और फायदे दोनों हैं, लेकिन हमारी कैटेगरी को खत्म करना असंवैधानिक है। हम रिफ्रेशर कोर्स करने को तैयार हैं, लेकिन इंक्रेडिबल इंडिया टूरिस्ट फेसिलिटेटर के रूप में यह कोर्स नहीं करेंगे। एमओटी लाइसेंस रिन्यू नहीं कर रिफ्रेशर कोर्स करने को बाध्य कर रहा है। यह हमारे ऊपर छोड़ा जाए कि हम पैन इंडिया गाइड बनें या रीजनल लेवल गाइड बने रहें। हमारी याचिका कोर्ट में विचाराधीन है, उसमें जो आदेश होगा वो हमें मान्य होगा।

2011 में जारी हुई थी गाइडलाइन

पर्यटन मंत्रालय ने गाइडों के लिए वर्ष 2011 में गाइडलाइन जारी की थी। इसमें रीजनल लेवल गाइडों को पांच वर्ष में रिफ्रेशर कोर्स करने का प्रावधान था। गाइडों ने वर्ष 2016 से पूर्व रिफ्रेशर कोर्स किया था। वर्ष 2016 के बाद कोई गाइडलाइन तो नहीं आई, लेकिन आफिस मेमोरेंडम के द्वारा कई परिवर्तन किए गए। मंत्रालय ने इंक्रेडिबल इंडिया टूरिस्ट फेसिलिटेटर बनाने को आदेश किया, इसमें गाइड के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं थी। फेसिलिटेटर के लिए योग्यता केवल 12वीं पास रखी गई। रीजनल लेवल गाइडों को इस पर आपत्ति है। गाइड ग्रेजुएट होने के साथ ही गाइडिंग का कोर्स किए हुए हैं। इसमें दोनों को समकक्ष रख दिया गया।

2017 में दायर की याचिका

वर्ष 2017 में गाइडों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए आपत्ति जताई। कोर्ट ने मामला विचाराधीन रहने तक डीओटी को लाइसेंस रिन्यू करने को कहे। इसके बाद जयपुर हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में भी गाइडों को स्टे मिला। जयपुर कोर्ट में एमओटी ने शपथ पत्र दिया कि फेसिलिटेटर, रीजनल लेवल गाइड से अलग हैं और वो केवल टूरिस्ट को फेसिलिटेट करेंगे। मान्यूमेंट्स में पर्यटक को रीजनल लेवल गाइड ही घुमाएंगे। वर्ष 2019 में दूसरा शपथ पत्र दाखिल कर एमओटी ने कहा कि फेसिलिटेटर गाइडिंग करेंगे। इसके खिलाफ जयपुर हाईकोर्ट में टीजीएफआइ द्वारा रिट दायर की गई।


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