CBSE Board Result 2021: कैसे मिलेगी प्रोन्नति, क्या लगेगा फार्मूला, विद्यार्थियों के दिमाग में घूम रहे सैकड़ों सवाल
CBSE Board Result 2021 सीबीएसई 12वीं की परीक्षा रद होने के बाद परीक्षा परिणाम को लेकर जिद्दोजहद। विद्यार्थियों को सता रही है मनमाफिक परिणाम न मिल पाने की आशंका। बोर्ड 10वीं के पैटर्न पर 12वीं के विद्यार्थियों को प्रोन्नत करेगा तो किसी विद्यार्थी का अहित नहीं होगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के चलते केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12 वीं की परीक्षा रद कर चुका है। 10वीं के विद्यार्थी 11वीं में आएंगे, इसलिए वह ज्यादा परेशान नहीं, लेकिन 12वीं के विद्यार्थियों के मन में लगातार सवाल उमड़ रहे हैं है कि उन्हें अगली कक्षा में आखिर किस आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। हालांकि बोर्ड के जानकार 10वीं के विद्यार्थियों के मामले में लागू होने वाली मूल्यांकन नीति को ही 12वीं में भी लागू करने की तरफ संकेत दे रहे हैं, लेकिन अधिकारिक रूप से इस पर फिलहाल कोई कुछ नहीं बोल रहा।
10वीं की परीक्षा रद हुई, तो बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश देकर तुरंत आंतरिक मूल्यांकन के साथ टर्म के साथ प्री-बोर्ड परीक्षा, आनलाइन टेस्ट और असेसमेंट के साथ नौवीं की वार्षिक परीक्षा के अंक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ में स्कूल में एक मूल्यांकन कमेटी बनाकर विद्यार्थियों के अंक अपलोड करने के निर्देश दिए थे, ताकी उसी आधार पर विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम तैयार कर उसे जारी किया जा सके। अब स्कूल प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों को उम्मीद है कि बोर्ड सभी स्कूलों से 12वीं के विद्यार्थियों के 11वीं की वार्षिक परीक्षा और 12वीं के मासिक, तिमाही व अर्धवार्षिक परीक्षा के साथ प्री-बोर्ड आदि के अंक मांगेगा और उसी के आधार पर विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
स्कूल प्रधानाचार्यों के कहना है कि बोर्ड 10वीं के पैटर्न पर 12वीं के विद्यार्थियों को प्रोन्नत करेगा, तो किसी विद्यार्थी का अहित नहीं होगा।
मिलेगा परीक्षा का मौका
विद्यार्थियों का एक वर्ग हालांकि परीक्षा रद होने से खुश नहीं है, उसे आशंका है इससे उन्हें अपेक्षित अंक नहीं मिलेंगे, लेकिन थोड़ी उम्मीद उस बात से जागी है कि संतुष्ट न होने पर उन्हें परीक्षा देने का एक मौका और दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों का कहना है कि वह पहले बोर्ड द्वारा अपनाए जाने वाली मूल्यांवन व परीक्षा परिणाम नीति को देखेंगे कि उसमें किस तरह से विद्यार्थियों को अंक दिए जाएंगे। यदि अंक फीसद पारदर्शीपूर्ण रहे, तो ठीक है। असंतुष्ट होने की स्थिति में वह दोबारा से परीक्षा देने वाले आप्शन को अपनाएंगे। इसको लेकर उन्होंने अपनी पढ़ाई और तैयारी तेज कर दी है।