Move to Jagran APP

International Women Day 2021: Smart Agra का नाम रोशन कर रही आधी आबादी, घूंघट की ओट से पहुंची अमेजॉन फ्लिपकार्ट तक

International Women Day 2021 2018 में स्मार्ट सिटी की ओर से ताजगंज क्षेत्र में सामुदायिक केंद्रों का विकास करके 4 सामुदायिक विकास केंद्रों का निर्माण किया गया था। जिसमें आगरा के ऐतिहासिक काम जरदोजी पत्थरों की नक्काशी आदि का 104 स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 01:56 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 01:56 PM (IST)
International Women Day 2021: Smart Agra का नाम रोशन कर रही आधी आबादी, घूंघट की ओट से पहुंची अमेजॉन फ्लिपकार्ट तक
जरदोजी का काम करतीं स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाएं।

आगरा, जागरण संवाददाता। ये जरूरी नहीं कि कुछ कर गुजरने के लिए सुविधाजनक संसाधन मुहैया हो। हां बेशक ये बिल्कुल भी जरूरी नहीं कि खुद को साबित करने के लिए महंगे कोर्स किये जाएं या अपना शहर छोड़कर मेट्रो सिटी का कल्चर अपनाना पड़े। घर की देहरी के भीतर रहते हुए भी अपना नाम, अपना हुनर फलक तक ले जाया जा सकता है। जी हां, आगरा की कुछ बस्तियों में रहने वाली महिलाओं ने इसी तर्ज पर चलते हुए अपना नाम वर्चुअल दुनिया में साबित कर दिया है। 

loksabha election banner

आगरा के कोल्हाई, नाला बुलाकी, टीला शहीद नगर की महिलाओं ने मुकाम हासिल किया है। यह महिलाएं जरदोजी पच्चकारी कारपेट बनाने का अपना पुश्तैनी काम करती थीं। 2018 में स्मार्ट सिटी की ओर से ताजगंज क्षेत्र में सामुदायिक केंद्रों का विकास करके 4 सामुदायिक विकास केंद्रों का निर्माण किया गया था। जिसमें आगरा के ऐतिहासिक काम जरदोजी पत्थरों की नक्काशी आदि का 104 स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया। उपरोक्त पारंपरिक कलाओं में पूर्ण होकर अब 1070 महिलाएं जुड़ चुकी हैं इन महिलाओं को स्मार्ट सिटी द्वारा पच्चकारी, जरदोजी सहित सात स्किल डेवलपमेंट स्वरोजगार प्रशिक्षण दिए गए थे। स्वयं सहायता से जुड़ी महिलाएं जो अब खुद अपने काम को ना सिर्फ निखार रही हैं। बल्कि 70% शिक्षित होकर अपने हुनर को विदेशों तक पहुंचा रही हैं। स्मार्ट सिटी और आदर्श सेवा समिति के आलोक सक्सेना ने बताया कि इन महिलाओं को और भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे इस क्षेत्र में महिलाएं ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ सकें।

काम के साथ शिक्षित भी हुए

जरदोजी का काम करने वाली सोना का कहना है कि तब घर में काम आता था। बस उसी काम को करते थे। और ठेकेदार हमें अपने मुताबिक हमें मेहनताना देता था। लेकिन अब हम खुद हर काम लेते हैं। उसका प्रॉफिट भी हम ही लेते हैं। स्मार्ट सिटी ने हमें एक नई पहचान दी है।

समूह की टीम लीडर मीरा सिंह का कहना है जरदोजी और पच्चकारी कार्य के काम के लिए महिलाओं को लखनऊ में सम्मानित भी किया गया है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इसमें जिला स्तर से हर स्तर पर दो समितियां बनाई गई है। जो स्मार्ट सिटी को महिलाओं की रिपोर्ट देते हैं। साथ ही डूडा की तरफ से भी महिलाओं की आर्थिक रूप से सहायता की जा रही है। जिससे कि वह अपने काम को बढ़ा सकें। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.